October 25, 2024

महतारी वंदन योजना : इन महिलाओं के खातों से वापस लिए जाएंगे पैसे, जानें क्या है इसके पीछे की बड़ी वजह

रायपुर। छत्तीसगढ़ की महतारी वंदन योजना से राज्य की महिलाओं को आर्थिक मदद मिल रही है। हर महीने महिलाओं के खातों में 1 हजार रुपए की राशि भेजी जाती है। लाखों महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही हैं, ऐसे में कुछ महिलाएं ऐसी हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, लेकिन फिर भी उनके खातों में 1-2 महीनों का पैसा पहुंच गया है।

मृत महिलाओं के खातों में डाला गया पैसा अब वापस लिया जाएगा। इस मामले में आदेश जारी हो चुका है। सभी जिले जल्द से जल्द मृत महिलाओं की लिस्ट तैयार करके छत्तीसगढ़ महिला एवं बाल विकास विभाग को भेजेंगे।

क्यों हुई ये गलती ?
महतारी वंदन योजना (Mahtari Vandan Yojana) के लिए हर महीने हर जिले से हितग्राहियों की मृत्यु से जुड़ी जानकारी भेजी जाती है। कुछ हितग्राहियों की मृत्यु की जानकारी देरी से मिलने पर 1-2 महीने की राशि का भुगतान महिलाओं के खातों में हो जाता है। ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए छत्तीसगढ़ महिला एवं बाल विकास विभाग ने आदेश जारी करके सभी जिलों से हितग्राहियों की मृत्यु संबंधी जानकारी जल्द से जल्द अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।

मृत महिलाओं के खातों से वापस लिया जाएगा पैसा
छत्तीसगढ़ महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि जिन मृत महिलाओं के खातों में राशि भेजी जा चुकी है, वो वापस ली जाएगी। इसके लिए अकाउंट नंबर भी जारी किया गया है। राशि लौटाने की जिम्मेदारी मृत महिलाओं के परिजन या उत्तराधिकारी की होगी।

सभी जिलों को आदेश
छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक तुलिका प्रजापति ने सभी जिलों के महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए आदेश जारी किया है। हितग्राहियों की मृत्यु संबंधी जानकारी जल्द अपलोड करने और मृत महिलाओं के खातों में डाली गई राशि लौटाने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं।

कब शुरू हुई थी महतारी वंदन योजना ?
सरकार बनने के बाद से हर महीने साय सरकार हर महिला को एक हजार रुपए उसके खाते में डाल रही है। महतारी वंदन योजना की पहली किस्त 10 मार्च को जारी की गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70 लाख 12 हजार 800 पात्र आवेदकों को योजना के पहले चरण में 655 करोड़ 57 लाख रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की थी. इस योजना के तहत हितग्राही महिलाओं को 1-1 हजार रुपये मिलते हैं।

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