April 24, 2024

मुन्नाभाई : दरवाजे पर MBBS डॉक्टर का नाम, केबिन में बैठकर प्रैक्टिस करते रहे DHMS डॉक्टर

माधव मेमोरियल हॉस्पिटल की जांच में बड़ा खुलासा, खैरागढ़ में हॉस्पिटल चलाने इस्तेमाल की रायगढ़ के एमबीबीएस डॉक्टर की डिग्री

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में अनियमितता पाए जाने के बाद सील किए गए माधव मेमोरियल हॉस्पिटल की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। बताया गया कि जिले के खैरागढ़ में अस्पताल चलाने के लिए वहां के डीएचएमएस डॉक्टर ने बलौदा-बाजार निवासी एमबीबीएस डॉक्टर के नाम का इस्तेमाल किया, जो फिलहाल रायगढ़ में निवासरत हैं। इस खुलासे से लोग फिल्म मुन्ना भाई MBBS को याद करने लगे। 

मिली जानकारी के मुताबिक़ जांच में पहुंची टीम के सामने डॉ. दुग्धेश्वर साहू ने बलौदाबाजार के डॉ. आशुतोष भारती को ही हॉस्पिटल का डायरेक्टर बताया, लेकिन डॉ. भारती ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। इधर हॉस्पिटल में रिसेप्शन के ठीक पीछे बने केबिन के दरवाजे पर डॉ. आशुतोष भारती का नाम और उनकी डिग्री (एमबीबीएस) लिखी हुई है। हालांकि हॉस्पिटल स्टॉफ ने इस नाम के शख्स को पहले कभी नहीं देखा था। खुद रिसेप्शनिस्ट ने यह जानकारी दी। जबकि हॉस्पिटल के संचालक डॉ. दुग्धेश्वर साहू और आरएमए डॉ. शैलेश इसी कैबिन में बैठकर मरीजों का इलाज किया करते थे।

इसी के चलते मरीजों को दी जाने वाली पर्ची में डॉक्टर के नाम का उल्लेख नहीं किया जाता था और न ही उसमें संंबंधित डॉक्टर के हस्ताक्षर होते थे। दवाखाना भी हॉस्पिटल के भीतर ही था, इसलिए कभी बात बाहर नहीं गई। संचालक डॉ. दुग्धेश्वर साहू का कहना है कि डॉ. भारती ही हॉस्पिटल और मेडिकल के डायरेक्टर हैं। सप्ताह में दो-चार दिन बैठते थे और ओपीडी देखते थे। जब उन्हें डॉ. भारती का जवाब बताया गया तो वे बोले कि वे कल उन्हें यहां बुलवाएंगे, फिर बात करेंगे।

इस सम्बन्ध में डॉ भारती का साफ़ साफ़ कहना है कि  वहां विजिटिंग डॉक्टर के रूप में काम करने के लिए मेरी बात हुई थी। मेरी गाड़ी सर्विसिंग में होने की वजह से मैं दो-तीन महीने से वहां जा ही नहीं पाया हूं। मेरे अबसेंस में वहां क्या हो रहा है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। मुझे केवल इतना पता था कि वहां सर्दी, खांसी, बुखार का ही इलाज होता था। वहां ऑपरेशन हो रहा है, बीटी लग रहा है, इससे मैं बिल्कुल अनभिज्ञ हूं।

बताया जा रहा है कि हॉस्पिटल की जांच के बाद डॉक्टरों के कैबिन, ऑपरेशन थिएटर, लैब, दवा दुकान आदि सील कर दिया गया, लेकिन हॉस्पिटल के गेट पर ताला नहीं लगाया गया है , क्योंकि हॉस्पिटल के टॉप फ्लोर पर वहां काम करने वाली महिलाएं रहती हैं। इसी को देखते हुए पूरा हॉस्पिटल सील नहीं किया गया है।

हॉस्पिटल ने बिना अधिकृत लैब किए कोविड टेस्ट भी

खैरागढ़ किल्लापारा स्थित माधव मेमोरियल हॉस्पिटल की पड़ताल में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। बताया गया कि हॉस्पिटल की लैब में कोविड टेस्ट भी किए गए हैं, जबकि वहां की लैब भी इसके लिए अधिकृत नहीं है। गुरुवार को जांच टीम ने लैब का निरीक्षण भी किया था व हॉस्पिटल के संचालक डॉ. दुग्धेश्वर साहू से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन के सवालों के गोलमोल जवाब दिए। आशंका जताई जा रही है कि किसी ऑथोराइज्ड लैब ने माधव मेमोरियल को यह किट उपलब्ध कराई। डॉ. साहू का कहना है कि लैब चालू ही नहीं है, अगर ये सच है तो कोरोना टेस्ट कैसे हुए। यही सवाल जब डॉ. बिसेन ने पूछा, तो साहू बगले झांकने लगे। फिर बोले कि लैब में काम करने वाले कर्मचारी ने ऐसा किया होगा। उसे उन्होंने भगा दिया है।

सबसे बड़ा सवाल डॉ. आशुतोष भारती को हॉस्पिटल स्टाफ ने आज तक कभी नहीं देखा। केवल कैबिन के सामने लिखा उनका नाम पढ़ते थे। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीएस परिहार से बातचीत के दौरान डॉ. भारती ने कहा कि वे हॉस्पिटल में बतौर एम्पलाई काम किया करते थे और महीने में एकाध बार ही आते थे। आशंका है कि खैरागढ़ में हॉस्पिटल चलाने केवल उनकी डिग्री का इस्तेमाल हुआ है। डिग्री की आड़ लेकर डॉ साहू पूरा कारोबार चलाते रहे हैं।  बहरहाल जांच पड़ताल के बाद सही स्थिति सामने आ पाएगी। 

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