छत्तीसगढ़ में 3 घंटे बंद रहा नेशनल हाईवे, कोरिया – नांदगांव में एंबुलेंस भी जाम में फंसी, ट्रकों की लगी लंबी लाइन
रायपुर। केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में रायपुर सहित सूबे में किसानों का प्रदर्शन दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ प्रदर्शन करीब तीन बजे तक चला। राज्य में करीब 3 घंटे इस जाम के दौरान मुंबई-कोलकाता मार्ग बाधित रहा। इसके चलते ट्रकों की लंबी लाइन लगी रही। वहीं कोरिया और राजनांदगांव में पुलिस की व्यवस्था के बावजूद एंबुलेंस काफी देर तक फंसी रही, वहां प्रदर्शनकारियों को किसी तरह समझा बुझाकर 108 के लिए रास्ता बनया गया। इस चक्काजाम को प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार और ट्रेड संगठनों का समर्थन मिला।
किसान संगठनों के इस बंद का रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर,बेमेतरा सहित कई और जिलों में व्यापक असर हुआ। हालांकि प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के रायपुर में होने के चलते कई बड़े नेता उनसे मिलने के लिए पहुंच गए। ऐसे में सेकेंड लाइन के नेताओं के हाथ में प्रदर्शन की कमान थी। बस्तर में जरूर विधायक रेख चंद जैन ने मोर्चा संभाला। वहीं जांजगीर में प्रशासन ने ही बैरिकेडिंग कर हाईवे बंद किया।
किसान संगठनों के अनुसार, प्रदेश में दो दर्जन से ज्यादा जगहों पर चक्काजाम किया गया। इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर शेष वाहनों के आवागमन को पूरी तरह से रोका गया। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किए गए प्रदर्शन को प्रदेश की कांग्रेस सरकार सहित ट्रेड संगठनों का भी समर्थन मिला। उधर, रायपुर और दुर्ग को छोड़कर बाकी जगहों पर पुलिस की कोई खास तैयारी नहीं रही।
किसान संगठनों की ओर से रायपुर में आरंग रोड पर रसनी के पुराने टोल नाका और पुराने धमतरी रोड पर बोरियाखुर्द के पास सड़क जाम रखा। रायपुर के साथ ही जिले के आस-पास के ग्रामीण इलाकों के अलावा धमतरी, अभनपुर, धमधा जैसे हिस्सों से किसान रसनी पहुंचे। यहां बने टोल नाके पर सभी धरना दिया। अफसरों ने किसानों से रास्ता खोलने की गुजारिश की लेकिन वे नहीं माने।
बिलासपुर जिले के नेहरू चौक पर कांग्रेसी और किसान संगठन बैनर लेकर सड़क सत्याग्रह के लिए पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने पहले रैली निकाली और फिर नेहरू चौक पर पहुंच गए। यहां नारेबाजी कर उन्होंने सांकेतिक रूप से चक्का जाम किया। इसके चलते रायपुर, कोरबा, अंबिकापुर, मुंगेली से आने वाले रूट पर काफी कम असर दिखा। रतनपुर, बिल्हा, मस्तुरी और अन्य ब्लॉक मुख्यालय पर प्रदर्शन के चलते शहर में भी वाहन प्रवेश नहीं कर सके। एडिशनल एसपी संजय ध्रुव ने बताया कि रूट डायवर्ट नहीं किया गया था। ऊपर से जो आदेश है, उसका पालन कर रहे हैं।
जांजगीर जिले में कांग्रेस के समर्थन में कार्यकर्ता और किसान, नेता जी चौक पर एकत्र हो गए। यह चौक नेशनल हाईवे-49 को जोड़ता है। इस दौरान किसान नेताओ ने यहां नारेबाजी करते हुए सभा की। खास बात रही कि जांजगीर में प्रदर्शनकारियों ने नहीं, बल्कि प्रशासन की ओर से हाईवे को बंद किया गया। इस दौरान पुलिस और एसडीएम खुद मौके पर मौजूद थे। हालांकि पुलिस ने रूट डायवर्ट किया था। इसके चलते अकलतरा से जांजगीर की ओर आने वाले बड़े वाहनों को निर्माणाधीन बाईपास पुटपरा की ओर से निकाला गया। छोटी गाड़ियों को चौक से पहले डायवर्ट किया गया।
दुर्ग जिले में नेशनल हाईवे 7 स्थानों पर बाधित रहा। इसमें अंजोरा बाईपास, कोसानाला, सिरसागेट, कांजी हाउस कुम्हारी, नंदिनी में पथरिया मोड़, धमधा बस स्टैंड और फुण्डा मोड़, जामगांव में चक्काजाम रहा। नेशनल हाईवे-53 में अंजोरा से कुम्हारी तक भारी/मध्यम वाहनों का आवागमन पुलिस ने पूरी तरह से 3 घंटे के लिए बंद रखने का निर्णय लिया था। बंद को देखते हुए पुलिस-प्रशासन की ओर से वाहनों के आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी।
इसके अलावा कांग्रेस और किसान संगठनों ने बेमेतरा, बस्तर, धमतरी, अंबिकापुर, बालोद, महासमुंद, राजनांदगांव, कोरबा में भी प्रदर्शन किया। जगदलपुर के टोकपाल में विधायक रेखचंद जैन के नेतृत्व में कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और जाम लगाया। इसके चलते करीब एक घंटे तक वाहनों की आवाजाही बंद रही। वहीं लोहंडीगुड़ा में जगदलपुर से चित्रकोट रोड पर चक्काजाम किया गया।