नक्सली कमांडर हिड़मा की खैर नहीं!, खात्में के लिए एक कदम और आगे बढ़ी फ़ोर्स, इस इलाके को भी ले लिया कब्जे में
सुकमा/जगदलपुर । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की नक्सल मुक्त करने की गारंटी पर बस्तर में फ़ोर्स एक कदम और आगे बढ़ गई है. नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव से सटे गांव में नया पुलिस कैंप खुला है और इस पूरे इलाके को सुरक्षाबलों ने अपने कब्जे में ले लिया है. सुरक्षाबलों का बड़ा टारगेट नक्सली कमांडर खूंखार नक्सली हिड़मा भी है. ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में हिड़मा की गिरफ्तारी, एनकाउंटर या सरेंडर हो सकता है।
ये गांव जवानों के कब्जे में
छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. नक्सलवाद के खात्में के लिए सरकार का फोकस नक्सलियों के गढ़ में फ़ोर्स का कैंप खोलने के लिए भी है. बस्तर के उन इलाकों में कैंप खोले जा रहे हैं जो नक्सलियों का कोर इलाका रहे हैं. नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव में कैंप खुला था, अब इसके आगे के गांव गोल्लाकुंडा को भी सुरक्षाबलों ने अपने कब्जे में ले लिया है. शनिवार को पुलिस अफसरों ने यहां जाकर कैंप खोला. यहां कैंप खुलने से इस इलाके से अब नक्सलवाद की जड़ें कमज़ोर होने वाली हैं।
बता दें कि बस्तर के धुर नक्सल इलाकों में साल 2024 को सबसे ज़्यादा सुरक्षा बलों के कैंप खुले हैं. इस साल जिन गांवों में सुरक्षा बलों का कैंप खुला है उसमें सुकमा के मुलेर,टेकलगुडेम, परिया, पूवर्ती, सलातोंग, लखापाल पुलनपाड़ हैं. इसके अलावा दंतेवाड़ा के नेरली घाटी, कांकेर के पानीडोबरी, नारायणपुर के कस्तूरमेटा, इरकभट्टी, मसपुर, मोहंदी, बीजापुर के गुंडम, पुतकेल, छुटवही शामिल हैं।
अभियान को मिलेगी गति
सुकमा -बीजापुर जिले के बॉर्डर के गोल्लाकुंडा में कैंप खुलने से दोनों जिलों के इलाके अब सीधे एक दूसरे से जुड़ेंगे. यहां नक्सलियों के खिलाफ में चलाए जा रहे अभियान में और भी ज़्यादा गति मिलेगी. शनिवार को इस इलाके में कैंप खुलने के दौरान सुकमा के एसपी किरण चव्हाण, सीआरपीएफ़ के डीआईजी आनन्द सिंह , सीआरपीएफ 165bn के कमांडेंट राकेश यादव भी मौजूद थे।