नवा छत्तीसगढ़ – युवा छत्तीसगढ़ : बुनियाद की नई धुरी पर लिखी जा रही विकास की कहानी
रायपुर। छत्तीसगढ़ विकास की नई आधारभूत संरचना की वैसी परिकल्पना को गढ़ने में जुटा है, जो राज्य के बुनियाद की मूलधुरी है. यहीं से विकास को नई ऊंचाई भी मिलेगी. नक्सल के नासूर से जूझते छत्तीसगढ़ में पिछले 15 दिनों से जो तैयारी चल रही है, वो छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए तपती हुई जेठ की दुपहरी वाली तपिश में बारिश की फुहार मिलने जैसी है. जो ये बताने की कोशिश है कि अब मौसम बदलने का समय आ चुका है. नक्सलवाद के जिस दर्द को छत्तीसगढ़ ने कई दशकों झेला है उसे बदलने के लिए पिछले 15 दिनों में युवाओं के प्रोत्साहन के लिए जो काम सरकार ने किए हैं, वो निश्चित तौर पर बुनियाद की नई धुरी का आधार बनेगा.नवा छत्तीसगढ़, युवा छत्तीसगढ़ वो मंत्र है जिसे लेकर सरकार ने कमर कस ली है.
छत्तीसगढ़ पूरे देश के लिए मॉडल बनेगा. इस दिशा को साकार करने में छत्तीसगढ़ जुट गया है. अगर बात अक्टूबर महीने की करें तो युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने जिस तरह के कार्यक्रम किए हैं वो निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ को मॉडल स्टेट बनाने की राह पर चलने के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है. 5 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक ओपन स्टेडियम में सैन्य महोत्सव समारोह का आयोजन किया गया. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सेना द्वारा किया गया. यह आयोजन छत्तीसगढ़ के युवाओं के मानस पटल पर विकास की नई कहानी लिख गया.
कांकेर, धमतरी,जगदलपुर बस्तर और सुकमा से आए युवा छात्र-छात्राओं ने सेना के लोगों का पराक्रम देखा. कार्यक्रम देखने आए इन जिलों के एनसीसी के स्टूडेंट्स ने जनरपट को बताया कि सेना का आयोजन बहुत बड़ा है. इस तरह का आयोजन इससे पहले छत्तीसगढ़ में नहीं हुआ है. सेना का पराक्रम देखने आए कुछ छात्र ऐसे भी थे जिन्होने नक्सलवाद को बहुत करीब से देखा और झेला है. जिनके गांव में नक्सलियों ने उत्पात भी मचाया है. ऐसे में अब इन छात्र-छात्राओं को सेना में जाने का अवसर मिलेगा यह उनके लिए काफी उत्साह जनक बात होगी. युवाओं के लिए आयोजन सरकार की एक बड़ी पहल कहीं जा सकती है जो नक्सलियों के ऊपर एक चोट भी है, क्योंकि अब नक्सली ऐसे युवाओं को अपने जाल में नहीं फांस सकते क्योंकि युवाओं को अब विकास की नई रोशनी दिखने लगी है.
एनसीसी के डिप्टी कमांडेंट विजय सिंह राजपूत ने जनरपट से बात करते हुए यह कहा कि छत्तीसगढ़ में भारतीय थल सेना या फिर डिफेंस द्वारा बहुत कुछ नहीं किया गया है. यह आयोजन छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए बहुत बड़ी बात कही जा सकती है. इस तरह के आयोजन से छत्तीसगढ़ के युवाओं को सेना में जाने की प्रेरणा मिलेगी. जिससे लोगों के भीतर देश सेवा का भाव भी जागा. छत्तीसगढ़ के विकास की नई कल्पना भी कहीं जा सकती है क्योंकि युवा अब किसी दूसरे के बहकावे में नहीं आएंगे.
छत्तीसगढ़ में आयोजित हुए सैन्य महोत्सव को लेकर मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और ओडिशा के अफसर कमांडिंग मेजर जनरल पीएस शेखावत ने कहा कि इस तरह का आयोजन युवाओं को प्रेरणा देने के लिए है. सेना में भर्ती होने और सेना से जुड़ने के लिए लोगों को जागरूक करना है. मेजर जनरल शेखावत ने कहा कि मुझे काफी खुशी है कि अभी तक मैं जितने लोगों से मिला हूं जितने युवाओं से मिला हूं सबके भीतर में एक जज्बा देख रहा हूं. जो छत्तीसगढ़ के विकास के लिए यहां के युवाओं के लिए यह बड़ी बात है.
छत्तीसगढ़ में 16 अक्टूबर से विधिवत वन खेल महोत्सव का आयोजन किया गया है. 3000 से ज्यादा युवा खिलाड़ी इसमें हिस्सा ले रहे हैं. छत्तीसगढ़ में नक्सल जिस तरीके से पैर पसार कर बैठा रहता था, उस पर एक बड़ी चोट मानी जा सकती है. 15 दिनों के भीतर सरकार ने दूसरा बड़ा आयोजन करके युवाओं के लिए अवसर के कई दरवाजे खोले हैं. सैन्य प्रदर्शनी के बाद वन खेल महोत्सव का आयोजन युवाओं को विकास की नई कहानी से जोड़ने की कवायद कही जा सकती है.
विकास की परिकल्पनाओं में यह भी एक बड़ी बात होती है कि युवा शिक्षा के साथ ही खेल और संस्कृति को भी आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करे. सरकार का यह आयोजन भी युवाओं के लिए बड़े अवसर की बात कही जा सकती है. 3000 से ज्यादा खिलाड़ी इसमें शामिल हो रहे हैं और सबसे बड़ी बात है कि 600 से ज्यादा महिला खिलाड़ी इसमें शामिल हुईं हैं, जो ये बताता है कि छत्तीसगढ़ में अब विकास की एक नई कहानी लिखनी शुरू हो गई है.
अक्टूबर महीना छत्तीसगढ़ में रोजगार का महीना रहा है. छत्तीसगढ़ में रोजगार महोत्सव का आयोजन किया गया है जिसमें 15 अक्टूबर को ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन किया गया था. 17 अक्टूबर से लगभग 7000 पदों पर क्रमशः नौकरियां मिलने लगी हैं. निजी क्षेत्र में मिलने वाली नौकरियां छत्तीसगढ़ के लिए काफी अहम हैं. जिसमें इंजीनियर से लेकर सिक्योरिटी गार्ड तक के पद रखे गए हैं. छत्तीसगढ़ में इस तरह का आयोजन भी प्रदेश के विकास को एक नई गति दे रहा है. पिछले 15 दिनों में यह छत्तीसगढ़ के लिए काफी बड़ी बात रही है.
राज्य में 14000 से ज्यादा पदों पर सरकारी नौकरियों के विज्ञापन आ चुके हैं. जिन पर बहाली की प्रक्रिया शुरू हो रही है. अगर अक्टूबर महीने में होने वाली भर्ती और परीक्षाओं की बात करें तो उनमें इन तारीखों पर परीक्षाओं का आयोजन हो रहा है.अक्टूबर महीने में छत्तीसगढ़ में जिन परीक्षाओं का आयोजन होना है उसमें सहायक मार्शल परीक्षा 6 अक्टूबर को, प्रयोगशाला तकनीकी सहायक की परीक्षा भी 6 अक्टूबर को थी. सहायक सांख्यिकी अधिकारी परीक्षा 20 अक्टूबर, प्रयोगशाला सहायक परीक्षा भी 20 अक्टूबर, रेलवे ग्रेजुएट एनटीपीसी का आवेदन 13 अक्टूबर तक जमा होगा. जबकी रेलवे अंडर ग्रेजुएट एनटीपीसी का आवेदन भी 20 अक्टूबर तक ही जमा होगा. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के लिए 14 अक्टूबर तक आवेदन जमा हुआ . केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए 16 अक्टूबर तक हुई. रविशंकर विश्वविद्यालय प्री पीएचडी फॉर्म 14 अक्टूबर तक जमा हुए हैं. वहीं बीएड और डीएलएड पंजीयन 10 अक्टूबर से शुरू हो गया है.
छत्तीसगढ़ में सुरक्षा एजेंसियों ने नक्सलियों से आर-पार की लड़ाई शुरु की है. यही वजह है कि पिछले 15 दिनों में नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में माओवादियों की कमर टूट गई है. 2024 में जितने मुठभेड़ हुए उसमें सबसे ज्यादा नुकसान नक्सलियों को अक्टूबर 2024 के महीने में ही उठाना पड़ा है. 4 अक्टूबर 2024 को हुए नक्सली मुठभेड़ में कुल 31 नक्सली मारे गए जो अब तक के नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में हुई सबसे बड़ी कार्रवाई कहीं जा सकती है. नक्सलियों के सफाए के लिए केंद्र सरकार संकल्पित है. अमित शाह पहले भी कह चुके हैं कि अब नक्सलवाद के खात्मे का वक्त आ चुका है. 15 दिनों में छत्तीसगढ़ में जिस तरीके से सुरक्षा एजेंसियों ने नक्सलियों की कमर तोड़ी है, वो छत्तीसगढ़ के विकास के लिए बड़ी बात कही जा सकती है.
गोली की जगह अब गोल की आवाज गूंजेगी. छत्तीसगढ़ में बस्तर ओलंपिक छत्तीसगढ़ में विकास की बहुत बड़ी बात कहीं जा सकती है. छत्तीसगढ़ के सबसे नक्सल प्रभावित इलाके अबूझमाड़ और नारायणपुर में बस्तर ओलंपिक की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. अक्टूबर का महीना बस्तर के लिए काफी महत्वपूर्ण इसलिए भी माना जा रहा है कि यहां के युवा ओलंपिक खेल की तैयारी में जुटे हुए हैं. और इसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. बस्तर ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए युवाओं को 20 अक्टूबर तक अपना रजिस्ट्रेशन करवा लेना है.
1 नवंबर से बस्तर ओलंपिक शुरू होगा और इसके पीछे का मूल मकसद नक्सलगढ़ को खेलगढ़ बनाने का है. इसके लिए सरकार काफी तेजी से काम भी कर रही है . 17 साल से लेकर ऊपर के युवा इस खेल में शामिल हो सकते हैं. इसमें बड़ी बात है कि जहां नक्सलियों के आदेश के बिना कुछ नहीं होता था.उसी नारायणपुर और अबूझमाड़ में बस्तर ओलंपिक के लिए रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है. यह भी छत्तीसगढ़ में विगत 15 दिनों में विकास के लिए लिखी जा रही नई कहानी का बड़ा अध्याय कहा जा सकता है.
छत्तीसगढ़ में हो रहे आयोजनों को लेकर वरिष्ठ पत्रकार नवीन जैन ने कहा कि नक्सल के जिस भयंकर भंवर जाल में छत्तीसगढ़ रहा है उसे निकालने के लिए सरकार को ऐसे और प्रयास करने ही होंगे. पूरे देश में सबसे ज्यादा जिले छत्तीसगढ़ के हैं जो नक्सल प्रभावित हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार की भूमिका निश्चित तौर पर युवाओं को प्रोत्साहित करने और उनके अनुसार रोजगार देने के लिए ज्यादा सजग होकर करना पड़ेगा. क्योंकि नक्सलियों पर जितनी कड़ी कार्रवाई हो रही है, युवाओं को अगर रोजगार से जोड़ने में सरकार उतनी ही तेजी दिखाई है तो निश्चित तौर पर दो इंजन की सरकार और दोनों तरफ से विकास छत्तीसगढ़ में दिखाई देने लगेगा.
छत्तीसगढ़ में मिनरल्स की कोई कमी नहीं है. रोजगार के अच्छे अवसर भी पैदा हो सकते हैं. छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है तो खेती में भी रोजगार के खूब अवसर हैं. ऐसे में सरकार ने जिस तरीके से प्रयासों को शुरू किया है यह निश्चित तौर पर सराहनीय पहल कहीं जा सकती है, लेकिन देखना यह भी होगा कि इस तरह के प्रयास की निरंतरता बनी रहे- एच एन दुबे वरिष्ठ पत्रकार
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हर मंच से इस बात को कहा है कि छत्तीसगढ़ को विकास की राह पर ले जाने का काम छत्तीसगढ़ के युवा करेंगे. युवाओं को यह अवसर छत्तीसगढ़ की सरकार देगी. इसके लिए हम कृत संकल्पित हैं. 5 अक्टूबर को सेना महोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि युवाओं को देश सेवा के लिए बेहतर विकल्प चुना और उसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार कोई भी अवसर देने को तैयार है. 16 अक्टूबर को वन खेल महोत्सव के समय भी मुख्यमंत्री ने इसी ओर इशारा किया.
युवा ही राज्य को विकास की डगर पर ले जाएंगे और राज्य के बहुआयामी विकास के लिए यह जरूरी है कि राज्य का हर युवा अपनी प्रतिभा के अनुसार विकास में जुट जाएं – विष्णुदेव साय, सीएम छग
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सलियों से भी निवेदन किया था कि मुख्यधारा में आए और छत्तीसगढ़ को आगे ले जाने का काम करें. निश्चित तौर पर अक्टूबर महीने में जिस तरीके से सरकार के प्रयास रहे हैं, वो प्रदेश में बड़े बदलाव के लिए बड़ी बात कही जा सकती है. छत्तीसगढ़ में अक्टूबर का महीना 15 दिनों में विकास की नई कहानी लिख रहा है.