March 29, 2025

छत्तीसगढ़ में अब दुकानें 24X7 खुली रह सकेंगी, नया दुकान और स्थापना अधिनियम लागू

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने छोटे दुकानदारों को राहत और कर्मचारियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 और नियम 2021 को पूरे राज्य में लागू कर दिया है. इसके साथ ही पुराना अधिनियम 1958 और नियम 1959 को निरस्त कर दिया गया है.

अब सातों दिन 24 घंटे खुली रह सकेंगी दुकानें: पुरानी व्यवस्था में दुकानों को सप्ताह में एक दिन बंद रखना अनिवार्य था. अब दुकानें 24 घंटे और पूरे सप्ताह खुली रह सकती हैं. लेकिन कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाना जरूरी होगा. नई व्यवस्था के तहत, सुरक्षा शर्तों के साथ महिला कर्मचारियों को रात में भी काम करने दिया जाएगा.

सभी नियोजकों को अपने कर्मचारियों के रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से मेंटेन करने होंगे. हर साल 15 फरवरी तक सभी दुकान एवं स्थापनाओं को अपने कर्मचारियों का वार्षिक विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा.

दुकान और पंजीयन शुल्क में बढ़ोतरी: नए नियमों के तहत, दुकान और स्थापनाओं के पंजीयन शुल्क को कर्मचारियों की संख्या के आधार पर तय किया गया है. न्यूनतम शुल्क 1,000 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये होगा. पहले यह शुल्क 100 रुपये से 250 रुपये तक था. श्रम विभाग ने स्पष्ट किया है कि नए अधिनियम के लागू होने के 6 महीने के भीतर सभी पात्र दुकानों और स्थापनाओं को पंजीयन कराना अनिवार्य होगा. यह प्रक्रिया श्रम विभाग के पोर्टल shramevjayate.cg.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन पूरी की जा सकेगी.

छोटो दुकानदारों को राहत: नए दुकान अधिनियम के तहत पहले से पंजीकृत दुकानों को 6 महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या के लिए आवेदन करना होगा, लेकिन इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा. यदि 6 महीने बाद आवेदन किया जाता है, तो नियमानुसार शुल्क देना अनिवार्य होगा. इस बदलाव से छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी, क्योंकि नया कानून केवल 10 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाली दुकानों और स्थापनाओं पर ही लागू होगा. पहले, बिना किसी कर्मचारी के भी सभी दुकानें अधिनियम के दायरे में आती थीं.

श्रम विभाग करेगा दुकानों और स्थापनाओं का पंजीयन: पहले दुकान और स्थापनाओं का पंजीयन कार्य नगरीय निकाय करते थे. अब 13 फरवरी 2025 की अधिसूचना के अनुसार श्रम विभाग दुकानों और स्थापनाओं का रजिस्ट्रेशन करेगा. नए नियमों से छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी, पंजीयन प्रक्रिया सरल होगी और कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण किया जा सकेगा.

नए अधिनियम में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है, लेकिन अपराधों के कम्पाउंडिंग की सुविधा दी गई है, जिससे नियोजकों को कोर्ट की कार्रवाई से बचने का विकल्प मिलेगा. निरीक्षकों की जगह फैसिलिटेटर और मुख्य फैसिलिटेटर नियुक्त किए जाएंगे, जो व्यापारियों और नियोजकों को बेहतर मार्गदर्शन देंगे.

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