हरी मिर्च हुई तीखी, तड़का लगाने के लिए जेब हल्का करना जरुरी
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सबसे बड़े सब्जी बाजार का ऐसा नजारा शायद ही आपने कभी देखा होगा। जहाँ दुकानें तो खुली हैं, सब्जियां भी पसरी हुई हैं बस ग्राहक कुछ ही नजर आ रहे हैं। शास्त्री मार्केट में जहां एक ओर पैर रखने की जगह नहीं होती थी, वहीं अब सन्नाटा पसरा हुआ है। सब्जियों की आवक कम होने से दाम भी बढ़े हुए हैं। पहले तो सिर्फ टमाटर की कीमतों ने लोगों को लाल किया था, अब मिर्च भी तीखी हो कर ग्राहकों की जेब हलके करने में लगी है।
छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा सब्जी बाजार है रायपुर का शास्त्री बाजार। यहां दूर-दूर से व्यापारी अपनी बिक्री के लिए पहुंचते हैं। लॉकडाउन के बाद मंडी तो पहले की तरह खुल गई, लेकिन कोरोना संक्रमण के डर से लोग सब्जी बाजार आकर लेने की बजाय फेरी वालों से ही लेने लगे हैं। इसकी वजह से बाजार की रौनक गायब हो गई है। बाजार की आधे से ज्यादा दुकानें खाली ही रहती हैं, बची हुई दुकानों में एक से दो ग्राहक ही पहुंचते हैं। बाजार में ज्यादातर थोक दुकानें ही खुली हुई हैं।वहां भी सब्जी महंगी होने की वजह से सन्नाटा पसरा होता है। टमाटर जहां 70 रुपए प्रति किलोग्राम हो जाने से लोग उससे दूरी बना रहे हैं तो सभी के खाने में जायका लगाने वाली मिर्च भी महंगी हो गई है। पहले जहां 10 से 15 रुपए में पाव भर मिर्च मिल जाया करती थी, अब इसके दाम भी 25 से 35 रुपए हो गए हैं।
सब्जियों के बढ़ते दाम पर कारोबारियों का कहना है कि राज्य की सीमा सील होने की वजह से वे कम ही सब्जियां बाहरी राज्यों से मंगवा पाते हैं. कारोबारियों के मुताबिक कर्नाटक के टमाटर न आने का असर प्रदेश में पहुंच रहे टमाटर की कीमत पर पड़ने लगा है. पिछले दो हफ्तों में गिने-चुने ट्रक टमाटर लेकर रायपुर पहुचे हैं। इसकी वजह से 40 से उछल कर टमाटर के दाम चिल्हर में 60 से 70 रुपए प्रति किलो तक हो गए हैं। इसके साथ ही हरी मिर्च की कीमत भी बढ़ गई है। वर्तमान में मिर्च 100 रुपये प्रति किलो से काम नहीं बिक रही हैं।
ग्राहकों की मानें तो उन्हें बाकी दिनों के मुकाबले बारिश के मौसम में अक्सर सब्जियां महंगी मिलती हैं. इस साल लॉकडाउन की वजह से सब्जियों का भाव और चढ़ा हुआ है. बगैर टमाटर और मिर्च के सब्जी पूरी नहीं होती है और अब इनके भी दाम बढ़ गए हैं, तो जेब पर इसका असर पड़ रहा है. हर दिन बढ़ती रही महंगाई से आम आदमी परेशान होने लगा है. अब तो बस लोग इस महंगाई से जल्द राहत चाहते हैं। बहरहाल अभी नयी फसल के उत्पादन आने तक लोगों को कमोबेश यही स्थिति का सामना करना पड़ेगा।