OMG : CG में हो गया बड़ा खेला, एक कंपाउंडर बन गया रजिस्ट्रार, अब मचा बवाल
रायपुर। छत्तीसगढ़ के 28 हजार फार्मासिस्ट इन दिनों स्टेट फार्मेसी काउंसिल के विरोध में उतर आए हैं. यह विरोध इसलिए है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट फार्मेसी काउंसिल में एक कंपाउंडर को रजिस्ट्रार बना दिया है. काउंसिल का रजिस्ट्रार होने के लिए फार्मेसी की डिग्री, डिप्लोमा होना आवश्यक है, लेकिन नियुक्त व्यक्ति के पास इससे संबंधित कोई डिग्री ही नहीं है. अनुभव, योग्यता और नियमों को दरकिनार करने वाले शासन के इस फरमान को लेकर हजारों फार्मासिस्टों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. फार्मासिस्ट इस नियुक्ति को निरस्त कर योग्य व्यक्ति को रजिस्ट्रार बनाने की मांग कर रहे हैं.
इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने भी स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और स्वास्थ्य सचिव रेणु पिल्ले को पत्र लिखा. पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में कंपाउंडर को रजिस्ट्रार बनाए जाने से छत्तीसगढ़ के 28 हजार पंजीकृत फार्मासिस्ट बेहद आक्रोशित हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के कंपाउंडर को रजिस्ट्रार बना दिया गया है. यह पूरे देश में अनूठा मामला है. जिसमें नियमों को दरकिनार कर कंपाउंडर को इतने बड़े पद पर बैठा दिया गया है.
ऐसे हुआ नियम दरकिनार
फार्मेसी कानून “एजुकेशन रेगुलेशन एक्ट 1991” के अनुसार फार्मासिस्ट पंजीयन के लिए कम से कम डी फार्मा की डिग्री अनिवार्य है. फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने कई बार पत्राचार कर राज्यों को नियमों की जानकारी दी है. स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार पद के लिए कम से कम डी फार्मा होना आवश्यक है. साथ ही इस पद के लिए बी फार्मा अहर्ताधारी को प्राथमिकता दी जाएगी. इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन (IPA) ने अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले से मुलाकात कर किसी फार्मासिस्ट को रजिस्ट्रार बनाने व पूर्व में कंपाउंडर को फार्मासिस्ट पदनाम देने संबंधी आदेश को निरस्त करने की मांग की है.
नियुक्ति का पूरा सच
आईपीए के स्टेट कॉर्डिनेटर वैभव शास्त्री कहना है कि छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में रजिस्टर का पद लंबे समय से खाली था. इसके चलते सैकड़ों फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन लंबे समय से नहीं हो पा रहा था. 4000 से अधिक फर्जी फार्मासिस्टों के मामले की जांच भी अटकी हुई है. इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने काउंसिल के रजिस्ट्रार पद के लिए आवेदन मांगे. इस आवेदन में शासकीय सेवारत कई अभ्यर्थियों ने आवेदन किया. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से अयोग्य व्यक्ति को रजिस्ट्रार बना दिया गया.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कराएंगे जांच
पूरे मामले में अनियमितता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का कहना है कि यह विषय गंभीर है. नियुक्ति योग्य व्यक्ति की होनी है. यदि किसी तरह से नियुक्ति में लापरवाही हुई है तो मामले की जांच कराएंगे.