January 5, 2025

देश के लाखों स्कूलों में से केवल 57 प्रतिशत स्कूलों में सही चल रहे कंप्यूटर, छात्रों की भी संख्या घटी

COMPU

नईदिल्ली। किसी स्कूल में जब आप जाते हैं तो स्कूल दावा करते हैं कि उनके पास वर्ल्ड क्लास सुविधा है, वो बताते हैं कि उनके यहां स्कूल में बेहतर टेबल, कुर्सी-बेंच, कंप्यूटर, स्कूल बस और गाइड करने वाले बेहतरीन टीचर उपलब्ध हैं। इसी चक्कर में अक्सर अभिभावक फंस जाते हैं और बच्चों का एडमिशन करा देते हैं। फिर बाद उन्हें पता चलता है कि स्कूल में कुछ-एक चीज ही सही चल रही होती है। कंप्यूटर खराब पड़े हैं, और शिकायत करने पर स्कूल मैनेजमेंट पैरेंट्स पर ही भड़क जाते हैं। लेकिन अब केंद्र सरकार ने एक आकंड़ा जारी कर लोगों को सच्चाई बता हैं।

53 फीसदी स्कूल में ही इंटरनेट
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि देश में महज 57 प्रतिशत स्कूलों में कंप्यूटर चालू हालत में हैं, जबकि 53 प्रतिशत स्कूल ही ऐसे हैं जहां इंटरनेट की सुविधा मौजूद है। ऐसे में अन्य स्कूलों पर सवाल उठना तो बनता है कि कैसे वह फीस और नए एडमिशन के चक्कर में बड़े-बड़े दावे करते हैं? ‘यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यूडीआईएसई) प्लस’ ने इसकी जानकारी दी

बता दें कि ‘यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यूडीआईएसई) प्लस’ आंकड़े इंकट्ठा करने वाला एक मंच है, जिसे शिक्षा मंत्रालय ने बनाया है। यूडीआईएसई ने अपने आंकड़े में कहा कि 90 प्रतिशत से अधिक स्कूल बिजली और छात्र-छात्रा के लिए अलग-अलग शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं से लैस हैं, जबकि चालू हालत में कंप्यूटर, इंटरनेट सुविधा, रेलिंग युक्त रैंप जैसी उन्नत सुविधाएं सीमित हैं।

57.2 फीसदी स्कूलों में ही कंप्यूटर चालू
रिपोर्ट में आगे जानकारी दी गई कि महज 57.2 फीसदी स्कूलों में ही कंप्यूटर चालू हालत में हैं, 53.9 फीसदी में ही इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है और 52.3 प्रतिशत में रेलिंग वाली रैंप लगी हैं। साथ ही कहा गया कि एडमिशन में भी बदलाव देखा गया है और 2023-24 में छात्रों की कुल संख्या 37 लाख से घटकर 24.8 करोड़ पहुंच गई है।

error: Content is protected !!