छत्तीसगढ़ की काशी : स्वयंभू शिवलिंग में हैं सवा लाख छिद्र, कुंड के पानी की है दिलचस्प कहानी….
रायपुर। आदिवासी बहुत राज्य छत्तीसगढ़ अपनी अजब गजब मान्यताओं और रीति रिवाज के लिए प्रसिद्ध है. यहां एक शिवलिंग और वहां बने जल कुंड के प्रति लोगों की गहरी आस्था और विश्वास है. कहते हैं यहां के जल से नहाने से असाध्य रोग दूर हो जाता है. कितनी भी गर्मी या सूखा पड़े इस कुंड का पानी कभी नहीं सूखता.
जांजगीर चांपा जिले के खरौद में शिव का प्रसिद्ध मंदिर है. इसे लक्ष्मणेश्वर महादेव कहते हैं. ऐसी मान्यता है लक्ष्मणेश्वर शिवलिंग में सवा लाख छिद्र हैं. इसलिए यहां चावल चढ़ाने का विशेष महत्व है. इस शिवलिंग में लाख छिद्र होने के कारण इसे लखनेश्वर महादेव भी कहा जाता है. इसी मंदिर के परिसर में एक जल कुंड है. स्थानीय लोगों में इस कुंड के बारे में गजब की आस्था है. कहते हैं इस जल से नहाने से या उसके पानी का छिड़काव करने से टीबी रोग ठीक हो जाता है.
खरौद मंदिर के पंडित पंकज मिश्रा यहां की मान्यताओं के बारे में विस्तार से बताते हैं. वो कहते हैं यह स्वयंभू शिवलिंग है. इसके अंदर तीन कुण्ड है जिन्हें गंगा, यमुना और सरस्वती कहते हैं. तीन कुण्ड होने के कारण इसे त्रिवेणी भी कहा जाता है. यह मंदिर अपने आप में अद्भुत और आश्चर्य से भरा है. यहां स्थित लक्ष्मणेश्वर शिवलिंग में एक लाख छिद्र हैं. इसलिए इसे लखनेश्वर महादेव भी कहा जाता है. पंडित जी ने बताया मंदिर परिसर में स्थित कुण्ड को लक्ष्मण कुण्ड कहा जाता है. जो व्यक्ति इस कुण्ड में नहाता है या मंदिर से पूजा करने के बाद इस कुण्ड के जल को तीन बार अपने ऊपर छिड़कता है. उनका जो भी पाप रहता है वो कट जाता है. इसके साथ ही रोगों से मुक्ति मिलती है.
कुंड के प्रति आस्था
स्थानीय लोग बताते हैं खरौद नगर छत्तीसगढ़ की काशी के नाम से जाना जाता है. यहां का खरौद मंदिर प्रसिद्ध है. खरौद को खरदूषण की नगरी के नाम से भी जाना जाता है. इसे प्राचीन काल में इंद्रपुरी के नाम से भी जाना जाता था जो राजा इंद्रबल नाम से स्थापित किया था. कुण्ड के बारे में स्थानीय लोग बताते हैं इसे लक्ष्मण कुण्ड के नाम से जाना जाता है. इनकी आस्था है कि इस कुण्ड के जल में नहाने से या इसके जल का छिड़काव करने से टीबी रोग दूर हो जाता है. इस कुण्ड का खासियत ये है कि इसका जल कभी नहीं सूखता चाहें कितनी भी गर्मी क्यों न हो. इसमें हमेशा जल(पानी) भरा रहता है. एक खासियत और है. यहां शिवलिंग के अंदर भी एक जल कुण्ड है वो भी कभी नहीं सूखता.
मंदिर तक कैसे पहुंचें
छत्तीसगढ़ की काशी खरौद में अगर आप भी जाना चाहते हैं तो यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन जांजगीर नैला है जो जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय में है. यहां से खरौद 40 किलोमीटर और शिवरी नारायण से 3 किलोमीटर दूरी पर ये स्थित है. यहां आप कार या दो पहिया वाहन से भी जा सकते हैं.