CG – नक्सलियों के ‘किले’ में मिला तालाब और रेस्ट रूम, अपनी फौज को खिलाने के लिए करते थे 4 एकड़ में सब्जियों की खेती..
सुकमा। Anti Naxalite Operation in Chhattisgarh: सुरक्षाबलों ने शनिवार को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में स्थित पूवर्ती गांव में नया पुलिस कैंप खोलकर नक्सलियों के सीने में तिरंगा गाड़ दिया. आजादी के बाद पहली बार पूवर्ती में तिरंगा फहराया गया है. टॉप मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा का गांव होने की वजह से पूवर्ती में नक्सली अपनी समानांतर सरकार चला रहे थे. इतना ही नहीं यहां से सुरक्षाबलों के खिलाफ रणनीति तैयार की जाती थी.
इस बीच पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों ने रविवार को गांव का जायजा लिया. इस दौरान कई चौकाने वाले दृश्य नजर आए. बटालियन हेडक्वार्टर में नक्सलियों ने अपनी सुरक्षा के लिए हर तरह की तैयारियां कर रखे थे. गांव के चारों तरफ मोर्चे बनाए गए हैं. जहां से वे आने-जाने वालों पर नजर रखा करते थे. गांव के बीचो बीच झोपड़ी नुमा विश्राम गृह बनाया है. जिसका स्कूल के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था. गांव के पास करीब 3-4 एकड़ भूमि में सब्जी और फल का उत्पादन भी कर रहे थे. बड़ी मात्रा में बैंगन, भिंडी समेत विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगा रहे हैं.
नक्सलियों के मनोबल को लगा करारा झटका
पुलिस और सुरक्षाबल के जवानों ने सालों के संघर्ष के बाद नक्सलियों के गढ़ में सुरक्षा कैंप खोलने में सफलता हासिल की है. पूवर्ती में कैंप स्थापित कर जवानों ने नक्सलियों के मनोबल को करारा झटका दिया है. कभी इन इलाकों में सुरक्षाबल के जवान जाने से घबराते थे लेकिन नक्सलियों के मजबूत इलाकों में बीते ढाई महीने में 7 कैंप खोले गए हैं. पूवर्ती में स्थापित कैंप माओवादियों के खिलाफ चल रहे जंग के लिए मिल का पत्थर माना जा रहा है. टेक्निकल हेड क्वार्टर के रूप में इसे इस्तेमाल किया जाएगा. पूवर्ती गांव के चार-पांच किमी की परिधि में नक्सली ट्रेनिंग कैंप, बैठकें और युवाओं की भर्ती जैसे विभिन्न गतिविधियों को संचालित करते थे. अब उनपर लगाम लगाने में सुरक्षाबलों को मदद मिलेगी. वहीं, नक्सली मूवमेंट की खबर मिलते ही चंद घंटों में फोर्स आसानी से मौके पर पहुंचकर घेराबंदी कर सकती हैं.
हिड़मा की मां से मिले एसपी, दिया मदद का आश्वासन
नक्सली कमांडर हिड़मा की मां से सुरक्षाबलों के अधिकारियों ने मुलाकात की. एसपी ने नक्सली कमांडर हिड़मा की मां को तमाम बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों से नक्सलवाद से दूर रहने की अपील की है. इसके साथ ही शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने उन्होंने ग्रामीणों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. कैंप खुलने के बाद गांव से गायब पुरुषों से वापस लौटने की अपील करते हुए एसपी ने कहा कि नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ें, फोर्स उनके लिए ही है. ग्रामीणों के सहयोग से ही गांव का विकास संभव है.
टेकलगुड़ा में मिली शहादत के बाद भी नहीं हटे पीछे
30 जनवरी को टेकलगुड़ा पुलिस कैंप पर हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद हो गए थे. बड़ी संख्या में जवान घायल भी हुए. इसके बावजूद फोर्स पीछे नहीं हटी. घटना के 15 दिन के भीतर सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के कोर एरिया में नया पुलिस कैंप स्थापित कर दिया है. पीएलजीए बटालियन को ध्वस्त करते हुए पूरे इलाके में फोर्स को अपनी पकड़ बनाने में सफल हुए.
नक्सलियों के खेत पर जवानों का कब्जा
पूवर्ति गांव के करीब नक्सलियों ने 3 से 4 एकड़ जमीन में सब्जी की फसल की है. संगठन में रहने वाले लड़ाकों के लिए नक्सलियों द्वारा विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है. कैंप खोलने के बाद सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खेत और तालाब पर कब्जा कर लिया है. पूवर्ती गांव में डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा के करीब 1500 जवान तैनात किए गए हैं.
एसपी बोले, सरेंडर करने वालों को दिल खोलकर करेंगे स्वागत
सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने कहा है कि माओवादियों के खिलाफ रणनीति बनाने में पूवर्ती कैंप मुख्य केंद्र होगा. बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ अंतिम लड़ाई चल रही है. नक्सलियों से अपील है कि वे हथियार डालकर मुख्यधारा में जुड़ जाए. शासन-प्रशासन दिल खोलकर स्वागत करने को तैयार हैं.