प्रणव पंड्या की मुश्किलें बढ़ीं..बस्तर के स्वयंसेवक ने शांतिकुंज में लगाई फांसी, नैनीताल हाईकोर्ट ने रेप केस की प्रगति रिपोर्ट तलब की
हरिद्वार। शांतिकुंज प्रमुख डॉक्टर प्रणव पंड्या की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। बुधवार को हरिद्वार की आध्यात्मिक संस्था शांतिकुंज में रहने वाले छत्तीसगढ़ के एक स्वयंसेवक ने आत्महत्या कर ली तो हाईकोर्ट ने भी डॉक्टर पंड्या के ख़िलाफ़ दर्ज रेप केस में प्रगति रिपोर्ट मांगी। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने 2010 से 2014 के बीच नाबालिग से दुराचार मामले में दर्ज रिपोर्ट की प्रगति मांगी है। कोर्ट ने कहा है कि सीआरपीसी की धारा 161 और 164 में पीड़िता के बयान दर्ज कर रिपोर्ट के साथ ही विवेचना रिपोर्ट कोर्ट में 23 जून को पेश करें।
बता दें कि अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि साल 2010 से 2014 तक छत्तीसगढ़ की 14 साल की किशोरी को उससे माता-पिता ने हरिद्वार में प्रणव पाणड्या व उनकी पत्नी के साथ काम के लिए छोड़ा था. इस दौरान प्रणव पांड्या ने 14 साल की बच्ची से कई बार दुराचार किया है। इस दौरान पीड़िता को डरा-धमकाकर उसका मुंह बंद कर दिया गया। अब पीड़िता हिम्मत जुटाकर सामने आई तो पांच मई को दिल्ली में ज़ीरो एफआईआर दर्ज की गई और फिर हरिद्वार पुलिस ने जांच शुरु की।
जनहित याचिका में मांग की गई है कि प्रणव पांड़्या के खाते सीज़ कर उन पर कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने अभी डॉक्टर प्रणव पंड्या की गिरफ़्तारी पर रोक लगाई है।
बता दें कि बुधवार को शांतिकुंज में छत्तीसगढ़ के ही एक स्वयंसेवक ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने अपने मोबाइल फोन पर चंद लाइन का सुसाइड नोट भी छोड़ा है। शहर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह के अनुसार बस्तर निवासी 45 वर्षीय राजेंद्रनाथ 1996 से शांतिकुंज में रह रहा था. 2008 में शादी के बाद से उसकी पत्नी रामशीला भी साथ रहती थी।
बुधवार की सुबह यज्ञ में शामिल होकर रामशीला लौटी तो देखा कि राजेंद्रनाथ फ़ांसी पर लटके हुआ थे। उसके शोर मचाने पर आसपास के लोग इकट्ठे हुए और पुलिस को सूचना दी। पुलिस के अनुसार राजेंद्रनाथ के मोबाइल से मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि वह अपनी मौत का ज़िम्मेदार खुद है इसलिए उसकी पत्नी को परेशान न किया जाए।