November 16, 2024

रायपुर : टमाटर हुआ लाल….. 70 रुपये किलो….आसमान छूते सब्जियों के दाम

रायपुर ।  बरसात का सीजन शुरू होने के साथ टमाटर फिर लाल हो गया है।  प्रदेश की राजधानी रायपुर और आसपास के इलाके में टमाटर शुक्रवार को 70 रुपये प्रति किलो बिक रहा था।   हाल ही में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में हुई वृद्धि ने महंगाई को बढ़ा दिया है।  सबसे ज्यादा असर सब्जियों की कीमतों पर पड़ी है. सब्जियों के भाव में उछाल ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है.  ।  हालांकि अगले सप्ताह से स्थानीय स्तर पर नई फसल की आवक जोर पकड़ने के बाद कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है। 

बीते एक महीने में टमाटर के दाम थोक दाम में 10 गुना तक की वृद्धि हुई है।  एक महीने पहले रायपुर की मंडी में टमाटर का भाव जहां 1.25 रुपये से लेकर 4.75 रुपये प्रति किलो चल रहा था, वहां शुक्रवार को थोक भाव 6 से 44 रुपये प्रति किलो था। 

मॉडल रेट की बात करें तो तीन जून को मंडी में टमाटर का मॉडल रेट तीन रुपये प्रति किलो था, जो बढ़कर 29 रुपये प्रति किलो यानी करीब 10 गुना ज्यादा हो गया है।  एक दिन पहले मंडी में टमाटर का थोक भाव 52 रुपये प्रति किलो तक उछला यानी बीते एक महीने में करीब 995 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।  थोक दाम बढ़ने से रायपुर या आसपास के इलाकों में टमाटर का भाव गुरुवार को 60 रुपये किलो तक उछला। बिलासपुर में खुदरा टमाटर 50.70 रुपये प्रति किलो बिक रहा था। 

रायपुर  मंडी के थोक विक्रेता मोहन लाल पटेल  ने बताया कि टमाटर की आवक कम होने और ईंधन की कीमतें बढ़ने की वहज से कीमतों में इजाफा हुआ है। तीन जून को टमाटर की आवक 52.2 टन थी जबकि तीन जुलाई को आवक 28.6 टन थी. इस प्रकार, आवक एक महीने में घटकर तकरीबन आधी रह गई।  एक दिन पहले टमाटर की आवक और घट गई थी जिसके कारण थोक भाव 6 से 52 रुपये प्रति किलो जबकि मॉडल रेट 32 रुपये प्रति किलो हो गया था। 

उन्होंने कहा कि टमाटर ही नहीं, तमाम सब्जी व फलों के दाम में तेजी आई है जिसकी एक बड़ी वजह डीजल के दाम में वृद्धि है।  उन्होंने कहा कि डीजल के दाम में बढ़ोतरी से सब्जियों की परिवहन लागत बढ़ गई है। 

हालांकि पटेल ने बताया कि टमाटर अब ज्यादा लाल नहीं होगा, अगले सप्ताह से हिमाचल प्रदेश के साथ साथ छत्तीसगढ़ से नई फसल की आवक जोर पकड़ने वाली है। जिसके बाद कीमतों में गिरावट आ जाएगी।  उन्होंने बताया कि इस समय रायपुर में ज्यादातर आवक दूरस्थ राज्यों से हो रही है। 

कोरोना काल में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण होटल, रेस्तरां, कैंटीन और ढाबा बंद रहने के कारण टमाटर, प्याज समेत तमाम हरी सब्जियों की खपत बीते महीनों के दौरान घट गई जिससे जिससे कीमतों में काफी गिरावट आई।  टमाटर का थोक भाव एक रुपया प्रति किलो से भी कम हो गया था। 

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