November 25, 2024

पढ़ई तुंहर दुआर को मिल रही देशभर में सराहना, सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर दी जानकारी

रायपुर।  पूरे देश में जब कोरोना संकट काल में स्कूल बंद हैं, छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों की पढ़ाई लगातार जारी रखने के लिए नवाचार के साथ पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम चलाया जा रहा है. प्रदेश में जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी है, वहां ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. राज्य के ऐसे सुदूर और वानंचल क्षेत्र जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है, वहां ऑफलाइन कक्षाएं चलाई जा रही हैं. दोनों ही माध्यम से छत्तीसगढ़ में संचालित इस कार्यक्रम को नीति आयोग सहित देश के कई हिस्सों में सराहना मिल रही है. 


कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद होने की चुनौती से निपटने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से पढ़ई तुंहर दुआर की शुरुआत की गई. अब तक 1.43 लाख शिक्षकों ने कुल 39.57 लाख ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की. 3.77 लाख बच्चे मोबाइल से जुड़कर पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूली बच्चों की शिक्षा के लिए ऑनलाइन पढ़ाई के लिए इस कार्यक्रम का शुभारंभ भूपेश बघेल ने 7 अप्रैल 2020 को किया था.

वीडियो पाठ अपलोड किए जाते हैं

कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूली बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. ऑनलाइन पढ़ाई कराने के लिए cg school.in वेबसाइट बनाई गई है. इस वेबसाइट से प्रतिदिन स्कूली बच्चों की पढ़ाई के लिए सरल भाषा में तैयार किए गए वीडियो पाठ अपलोड किए जाते हैं . वीडियो के अलावा ऑडियो पाठ भी तैयार किए जाते हैं. इस वेबसाइट से 2.03 लाख शिक्षक पंजीकृत हो चुके हैं. शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाई के लिए 18 हजार 184 वीडियो शेयर किए हैं. 914 ऑडियो पाठ अपलोड किए गए हैं. बच्चों को विषय वस्तु आसानी से समझाने के लिए 10 हजार 553 फोटो और अन्य सहायक सामग्री भी अपलोड कराई गई है. साथ ही शिक्षकों ने 2702 कोर्स मटेरियल तैयार कर वेबसाइट पर उपलब्ध करवाया गया है.

ऑफलाइन कक्षाएं संचालित

पढ़ाई तुंहर द्वार कार्यक्रम के तहत राज्य के ऐसे हिस्से, जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है, उन स्थानों पर ऑफलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. इन ऑफलाइन कक्षाओं में 23 हजार 643 शिक्षक मिलकर 35 हजार 982 केंद्रों में कुल 7 लाख 48 हजार 266 विद्यार्थियों को पढ़ाई करवा रहे हैं. गांव के पारा, मोहल्ला में ग्रामीणों के सहयोग से ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. इसके अलावा गांव में लाउडस्पीकर स्कूल के माध्यम से भी स्कूली बच्चों को शिक्षा दी जा रही है. 2 हजार 393 शिक्षकों ने लाउडस्पीकर का संचालन कर 68 हजार 916 विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं.

बुलटू के बोल (ब्लूटूथ) के माध्यम से 1 हजार 608 शिक्षकों ने ऐसे बच्चों की मदद की जिनके पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है, उन्हें ब्लूटूथ के माध्यम से फाइल ट्रांसफर कर बच्चों की पढ़ाई में सहयोग किया है. 

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