December 26, 2024

CG-‘सरासर पागलपन…’ रेलवे ने रिटायरमेंट से 3 दिन पहले किया इंजीनियर का ट्रांसफर

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रायपुर। छत्तीसगढ़ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां रेलवे के एक कर्मचारी का उसके रिटायरमेंट से तीन दिन पहले सैकड़ों किलोमीटर दूर ट्रांसफर कर दिया गया. कर्मचारी ने इस आदेश पर नाराजगी जताते हुए रेलवे बोर्ड को एक लेटर लिखा है. साथ ही रेलवे के आदेश को ‘पागलपन’ करार दिया है.

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के बिलासपुर मंडल के चीफ कम्युनिकेशन इंजीनियर का ट्रांसफर उनके लिए उत्पीड़न की वजह बन गया है. खबर है कि भारतीय रेलवे में काम करने वाले कर्मचारी का उसके रिटायरमेंट के तीन दिन पहले सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पर ट्रांसफर कर दिया गया. इस आदेश से परेशान होकर उन्होंने रेलवे बोर्ड को लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने इसे सरासर पागलपन बताया है.

चीफ कम्युनिकेशन इंजीनियर हैं केपी आर्य

दरअसल केपी आर्य दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के बिलासपुर मंडल में चीफ कम्युनिकेशन इंजीनियर के तौर पर काम करते हैं. इनका रिटायरमेंट 30 नवंबर को होना है, लेकिन तीन दिन पहले उनका ट्रांसफर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से दिल्ली कर दिया गया. इससे परेशान होकर उन्होंने रेलवे बोर्ड को लेटर लिखा और कहा, ”यह आदेश सतही तौर पर तो सही लगता है, लेकिन जब एक सप्ताह के भीतर 30 नवंबर 2023 को मेरा रिटायरमेंट है तो यह आदेश साफ तौर पर पागलपन दिखता है.”

ट्रांसफर आदेश के मुताबिक, केपी आर्य को 28 नवंबर 2023 को उत्तर रेलवे में उच्च प्रशासनिक ग्रेड (एचएजी) पद का कार्यभार संभालना है, जबकि उनका रिटायरमेंट 30 नवंबर को होने वाला है. आर्या ने उत्तर रेलवे (एनआर) जोन में अपने ट्रांसफर किए जाने को रेलवे बोर्ड की ओर से अपना उत्पीड़न बताया है. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि एसईसीआर जोन में पहले से ही एचएजी का एक पद खाली था, फिर भी रेलवे बोर्ड ने उन्हें उत्तर रेलवे जोन में इसी पद पर ट्रांसफर करने का फैसला किया. उन्होंने कहा, ”मैं दिल्ली में उत्तर रेलवे के मुख्यालय में सिर्फ तीन दिन काम करूंगा और भारतीय रेलवे से रिटायर हो जाऊंगा.”

जनता के पैसे की बर्बादी

केपी आर्या ने बताया कि उनका प्रमोशन 6 महीने पहले ही होना था, पर उसे पेडिंग कर दिया गया. रिटायरमेंट के कुछ दिन पहले किया गए इस ट्रांसफर को उन्होंने सिर्फ परेशान करने का तरीका बताया है, जिससे रिटायरमेंट के समय उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़े. उन्होंने कहा, ”रेलवे मुझे ट्रांसफर भत्ते के रूप में करीब तीन लाख रुपए देगी, जो पूरी तरह से जनता के पैसे की बर्बादी है.”

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