April 23, 2024

बेटा सुन नहीं सकता इसलिए लोग ताने मारते थे; डॉक्टर ने पत्नी, 2 बच्चों को दिया जहर का इंजेक्शन और लगा ली फांसी

अहमदनगर। महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक डॉक्टर ने शनिवार को खुद के साथ अपने पूरे परिवार को खत्म कर लिया। उनके परिवार में पत्नी और 2 बेटे थे। पुलिस के मुताबिक, कर्जत के राशिन गांव में रहने वाले डॉ. महेंद्र थोराट ने पहले पत्नी और बच्चों को जहर का इंजेक्शन दिया और फिर खुद फांसी लगा ली। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि उनका बेटा सुन नहीं सकता, इसलिए लोग उसके साथ अच्छा बर्ताव नहीं करते। तंग आकर वे जान दे रहे हैं।

41 साल के डॉ. थोराट गांव में ही अस्पताल चलाते थे। पुलिस को उनकी पत्नी वर्षा, 16 साल के बड़े बेटे कृष्णा और 7 साल के कैवल्य के शव घर के एक कमरे में मिले। डॉ. थोराट का शव दूसरे कमरे में था। कमरे से जहर के इंजेक्शन भी मिले हैं। सुबह कुछ मरीज दवा लेने पहुंचे तब सभी की मौत का खुलासा हुआ।

मौके से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें लिखा है कि अब कोई बात सुनने की शक्ति नहीं रही। हम आज आपको हमेशा के लिए अलविदा कह रहे हैं। कृष्णा सुन नहीं सकता है। समाज द्वारा उसके साथ किया जाने वाला बर्ताव अब बर्दाश्त नहीं होता है। हम उसका दुख सहन नहीं कर सकते। हम समाज में एक अपराधी की तरह महसूस करते हैं। समाज में अपराध बोध और अपमान बोध के साथ रहना अब सहन नहीं होता।

उन्होंने लिखा कि कई दिनों से हम व्यथित हैं। कृष्णा का भी किसी चीज में मन नहीं लगता। उसे रास्ता नहीं सूझता। उसे हमेशा बुरा लगता है, लेकिन वह जाहिर नहीं होने देता। माता-पिता होने के नाते उसे होने वाले दुख को हम और नहीं देख सकते। मैंने और मेरी पत्नी ने मिलकर यह फैसला लिया है। इस तरह का कदम उठाना हमें ठीक नहीं लग रहा, इसलिए हमें माफ करें। इस घटना के लिए किसी को भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से दोषी न मानें। थोराट का बेटा कृष्णा क्रिकेटर था। वह पुणे के खेल संस्थान से पढ़ाई कर रहा था। लॉकडाउन की वजह से घर आ गया था।

दिव्यांग बच्चों के लिए प्रॉपर्टी दान करने की इच्छा जताई सुसाइड नोट में डॉ. थोराट ने लिखा है कि वे दिव्यांग बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था को अपनी सारी प्रॉपर्टी दान में देना चाहते हैं। हमारी मौत के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं माना जाए।

डॉ. थोराट समाज से जुड़े कामों में भी दिलचस्पी लेते थे। लोगों के मुताबिक, वे गरीबों का इलाज करने के पैसे नहीं लेते थे। अचानक उनके ऐसा कदम उठाने से कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। पुलिस फिलहाल मामले को सुसाइड का केस मानकर जांच कर रही है।

अहमदनगर के एडिशनल SP सौरभ अग्रवाल का कहना है कि पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही मौत की असली वजह का खुलासा हो सकेगा।

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