बस्तर में 15 अगस्त की बहार : नक्सल प्रभावित 13 गांवों में पहली बार फहराया गया तिरंगा, जानिए कैसे हुआ यह बदलाव
बस्तर। Independence Day 2024 Celebrated for the First time: देश भर में आजादी का जश्न मनाया जा रहा है, लोग एक दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं भी दे रहे हैं. आजाद भारत से जुड़े कई किस्से प्रचलित हैं, इस अवसर पर हम आपको बताने जा रहे हैं छत्तीसगढ़ बस्तर संभाग के कई जिलों के उन गांवों के बारे में जहां पर पहली बार तिरंगा फहराया गया. बता दें कि इन गांवों में हाल में ही सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई जिसके बाद से पूरे गांव की तस्वीर बदलनी शुरू हो गई है. इन जिलो में दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर सहित कई जिलों के गांव शामिल हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में.
आजादी की दिखी रौनक
छत्तीसगढ़ के नरेली घाटी, कांकेर के पानीडोबरी, बीजापुर के गुंडम, पुतकेल, छुटवही, नारायणपुर के कस्तूरमेटा, इरकभट्टी, मसपुर, मोहंदी, सुकमा के मलेर परिया, सलातोंग, टेकलगुडेम, पूवर्ती, लखापाल, पुलनपाड़ शामिल हैं, यहां पर पहली बार आजादी का जश्न मनाया गया और तिरंगा फहराया गया. यहां के 12 गांवो में इसी साल 26 जनवरी के बाद सुरक्षाबलों का कैंप खोला गया है. इसके बाद यहां पर सड़के बनी और स्कूलों का निर्माण हुआ. जिसके बाद यहां की तस्वीर धीरे- धीरे बदलने लगी और अब पहली बार जश्न मनाया गया. यहां पर पहले नक्सलियों की हुकूमत चलती थी, लेकिन अब यहां पर बच्चे पढ़ाई करने लगे और स्कूल जाने लगे. राशन की दुकान खुलने से राशन की भी उपलब्धता होने लगी है, साथ ही साथ प्रदेश सरकार के द्वारा इन गांवों के विकास को लेकर भी हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
नरेली घाटी
दंतेवाड़ा जिले के नरेली घाटी में भी पहली बार तिरंगा फहराया गया. नरेली घाटी की बात करें तो एक समय था कि इसे नक्सलियों की घाटी कहा जाता था. हालांकि अब यहां पर सुरक्षा बलों का कैंप स्थापित किया गया और रेलवे ट्रैक का भी काम चल रहा है. सुरक्षाबलों के कैंप के बाद यहां नक्सलियों के आतंक में काफी ज्यादा कमी आई है.
नारायणपुर में जश्न
नारायणपुर जिले के घोर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के मसपूर में पहली बार बीएसएफ के जवानों ने 78 स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा शान से ध्वजारोहण किया और भारत माता के जयकारे से पूरा अबूझमाड़ गूंज उठा, घन घोर जंगलों के बीच लाल गलियारे में बसे मसपुर कैंप को 6 महीने पहले ही खोला गया है, जहां कभी तिरंगा नही फहराया जाता था नक्सली काले झंडे फहराते थे वहां पर बीएसएफ के जवानों की तैनाती के बाद पहली बार तिरंगा ध्वज फहराया गया और भारत माता के जयकारे लगाकर जवानों के चेहरे काफी खुशी नजर आई. ये खुशी इस इलाके में नक्सलवाद पर अंकुश लगाकर विकास की गति को तेज करने की है जो आने वाले समय में नजर आएगा. इस अवसर पर बीएसएफ के कमांडेंट ने जवानों को 78 स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और कहा कि इस नक्सल इलाके में तैनाती के बाद से आप जवानों ने जो कार्य किया है वो काबिले तारीफ है आगे भी ऐसे कार्य करते हुए विकास की गति को आगे बढ़ाना है .