सुपर इंवेस्टिगेटर्स अवॉर्ड : DGP ने कहा- दुष्कर्म पीड़िताओं को न्याय दिलाने में छत्तीसगढ़ पुलिस देश में सबसे आगे
रायपुर। राजधानी में छत्तीसगढ़ के 16 पुलिस कर्मचारियों को सुपर इंवेस्टिगेटर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इन सभी ने पिछले कुछ महीनों में महिला संबंधी अपराध, खासकर दुष्कर्म के मामलों में तेजी से कार्रवाई की। किसी ने दो दिन में बलात्कारी को पकड़ा तो किसी की वजह से कोर्ट में सुनवाई जल्दी हुई और 1 महीने में दोषी को 20 साल की सजा मिली। DGP डीएम अवस्थी ने शुक्रवार को ऐसे ही जांच अधिकारियों को अवॉर्ड से सम्मानित किया।
दुष्कर्म के एक मामले में खमतराई थाना पुलिस ने वारदात के 48 घंटे के अंदर कोर्ट में चालान पेश कर दिया। कोर्ट ने 45 दिन के अंदर ही आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। रायपुर के मंदिर हसौद थाना इलाके में दुष्कर्म के मामले में 2 दिन के भीतर ही चालान पेश कर दिया गया और न्यायालय द्वारा 35 दिन के अंदर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। जगदलपुर के बोधघाट थाना इलाके में बच्ची से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने 7 दिन के भीतर चालान पेश किया, 45 दिन में सुनवाई पुरी हुई और कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
जांजगीर में 7 साल की बच्ची से रेप के मामले में 13 दिसंबर को आरोपी को गिरफ्तार कर 10 दिन के अंदर 23 दिसंबर को न्यायालय में चालान पेश किया गया। 1 महीने 22 दिन के भीतर आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई गई। इस मामले में निरीक्षक उमा गुप्ता, सहायक उप निरीक्षक दिलीप सिंह और प्रधान आरक्षक राकेश तिवारी को सम्मानित किया गया।
जगदलपुर के बोधघाट थाने में 21 अक्टूबर 2020 को उसकी 4 साल की बच्ची के साथ अश्लील हरकत किए जाने का केस दर्ज किया गया। पुलिस ने दो दिन के अंदर 23 अक्टूबर को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। 7 दिन में मामला कोर्ट पहुंचा, वहां से आरोपी को 20 साल की कैद और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई। मामले में जांच टीम में निरीक्षक राजेश मरई, सहायक उप निरीक्षक इंदु शर्मा, आरक्षक भानुप्रताप कोर्राम, आरक्षक बिसनी ध्रुव, आरक्षक रीना अनंत को सम्मानित किया गया।
सब इंस्पेक्टर दिव्या शर्मा को सम्मानित किया गया। रायपुर के माना थाना में बच्ची से रेप की शिकायत आई थी। इन्होंने आरोपी को पकड़ा और दो दिन के भीतर कोर्ट में चालान पेश किया। आरोपी को 20 साल की जेल और बच्ची के घर वालों को न्याय मिला। दिव्या शर्मा को रायपुर के मंदिर हसौद थाने में 4 साल की बच्ची के साथ रेप के मामले को सुलझाने के लिए सम्मानित किया गया। तेलीबांधा थाने में डेढ़ साल की बच्ची से जुड़े केस में दिव्या और आरक्षक शीतल बिसेन को सम्मानित किया गया।