सुप्रीम कोर्ट का आदेश- 15 दिन में घर भेजे जाएं सभी प्रवासी मज़दूर, पैदल चलने पर दर्ज केस लिए जाएं वापस
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लगे लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को 15 दिन के अंदर सभी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा, ’15 दिनों में सभी प्रवासियों को वापस भेजा जाए. प्रवासी मजदूरों के लिए 24 घंटे के अंदर केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त ट्रेनें दी जाएंगी.’ सुप्रीम कोर्ट ने अन्य राज्यों से इस संबंध में हलफनामा मांगा है।
कोरोना वायरस की वजह से देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगा है. अभी लॉकडाउन का पांचवां चरण चल रहा है। हालांकि, सरकार लॉकडाउन 5.0 में अनलॉक-0.1 के तहत आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए कई तरह की रियायतें दे रही है। मगर लॉकडाउन में काम बंद होने से प्रवासी मजदूरों के सामने खाने-कमाने का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में वो शहर छोड़ कर अपने गांवों और घरों की ओर कूच कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी कामगारों के लिए काउंसलिंग सेंटर बनाने के आदेश भी दिए हैं।
इसके साथ ही अदालत ने लॉकडाउन में सड़क पर चलने के कारण प्रवासियों के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेने को भी कहा है। शीर्ष अदालत ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से मजदूरों को रोजगार देने के लिए स्कीम बनाने का आदेश दिया है। इसके बारे में प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देनी होगी. कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को सभी स्कीम का लाभ दिया जाए और स्कीमों के बारे में मजदूरों को बताया भी जाए।