सुप्रीम कोर्ट की केंद्र सरकार को फटकार, आप RBI के पीछे छुप नहीं सकते हैं
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को लोन मोरेटोरियम अवधि में कर्ज पर ब्याज में छूट की मांग पर चल रही सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। इस मामले में अपने राय नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है कि लोन मोरेटोरियम पर एक सितंबर तक केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करें। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में रिजर्व बैंक के पीछे छुप नहीं सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया। ऐसे में आपको दो चीजों पर अपना स्टैंड साफ करना होगा… पहला आपदा प्रबंधन कानून पर और दूसरा क्या ईएमआई पर ब्याज लगेगा?
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोन मोरेटोरियम के मामले में अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। जबकि आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत केंद्र सरकार के पास कई शक्तियां थी और वह रिजर्व बैंक के पीछे छिप रही है। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अब केंद्र सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है। कोर्ट ने उनके आवदेन को स्वीकार कर लिया है और अब केंद्र सरकार को एक सितंबर तक अपना जवाब देने को समय दिया गया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ में जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह भी शामिल है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि सभी समस्याओं का एक सामान्य समाधान नहीं हो सकता है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को बताया कि कर्ज की स्थगित किश्तों की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगी और उन्होंने इसके लिए समय अवधि बढ़ाने की मांग की है।