सुप्रीम कोर्ट ने कहा – आम आदमी की दिवाली सरकार के हाथ में
नई दिल्ली। लोन मोरेटोरियम मामले में ब्याज पर ब्याज लगने के विरोध में याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से ब्याजमाफी के निर्णय को जल्द लागू करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम आदमी की दिवाली कैसी होगी, यह सरकार के हाथ में है.
सरकार ने आठ श्रेणियों में 2 करोड़ रुपये तक के लोन मोरेटोरियम मामले में ब्याज पर ब्याज माफ करने का निर्णय लिया है. कोर्ट ने सरकार को 2 नवंबर तक का समय दिया है कि वह इस मामले में अपडेट से कोर्ट को अवगत कराए कि सर्कुलर जारी हुआ या नहीं. यानी दिवाली से पहले इसे सरकार लागू कर सकती है.
बीते दिनों केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 2 करोड़ रुपये तक के एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज वसूली नहीं की जाएगी. लेकिन इसके बाद शीर्ष अदालत ने विभिन्न क्षेत्रों में उधारकर्ताओं के लिए राहत पर विचार करने के लिए सरकार को एक हफ्ते का वक्त दिया था.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ब्याज पर ब्याज माफी को सरकार को जल्द लागू करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बैंक अभी कर्जदारों को एनपीए घोषित न करें.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह आज यानी बुधवार को ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की पूरी दलील सुनेगा. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दिया है. इस हलफनामे में साफ तौर पर कहा गया है कि सरकार ने विभिन्न सेक्टर्स को पर्याप्त राहत पैकेज दिया है. मौजूदा महामारी के बीच अब यह संभव नहीं है कि इन सेक्टर्स को और ज्यादा राहत दी जाए.
2 करोड़ तक के लोन पर ब्याज माफ करने का प्रस्ताव
केंद्र ने ये भी कहा कि जनहित याचिका के माध्यम से क्षेत्र विशेष के लिए राहत की मांग नहीं की जा सकती. केंद्र सरकार के हलफनामे के मुताबिक 2 करोड़ तक के लोन के लिए ब्याज पर ब्याज (चक्रवृद्धि ब्याज) माफ करने के अलावा कोई और राहत राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और बैंकिंग क्षेत्र के लिए हानिकारक है.
सुप्रीम कोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी
बीते अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर अपने को बचाए नहीं, इस बारे में हलफनामा दाखिल कर अपना रुख स्पष्ट करे. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप सिर्फ व्यापार में दिलचस्पी नहीं ले सकते. लोगों की परेशानियों को भी देखना होगा. आपको यहां बता दें कि मोरेटोरियम के ब्याज पर ब्याज को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.