November 16, 2024

NEET मामले में सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी, कहा- काफी एविडेंस है इसे NTA vs स्टूडेंट्स न समझें

नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में दिन बीतने के साथ ही नीट एग्जाम से जुड़ी याचिकाओं की लाइन लंबी ही होती जा रही है। हालांकि सभी की मांग करीबन एक ही है, लिहाजा उनकी सुनवाई अवकाशकालीन बेंच के सामने औपचारिक रहने की संभावना है। NEET मामले को लेकर आज फिर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। इस बार घोटाले की जांच किए जाने वाली मांग वाली याचिका पर सुनवाई की गई। जिस पर कोर्ट ने एनटीए से कहा है कि इसे NTA vs स्टूडेंट्स न समझें।

जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए NEET-UG, 2024 में कथित पेपर लीक और गड़बड़ी से संबंधित याचिकाओं पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) और केंद्र से नोटिस जारी कर जवाब मांगा है सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अगर किसी की ओर से 0.001% लापरवाही है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए।” साथ ही कोर्ट ने एनटीए को 8 जुलाई को जवाब देने को कहा है। वहीं, अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।

NTA vs स्टूडेंट्स न समझें
NEET परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर शिक्षाविद नितिन विजय समेत एक दूसरी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने इस याचिका की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि 8 जुलाई को स्टूडेंट्स को सुप्रीम कोर्ट से काफी उम्मीदें है। एनटीए के खिलाफ काफी एविडेंस है, सुप्रीम कोर्ट ने काफी तल्ख़ टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि इसे NTA vs स्टूडेंट्स न समझें। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर NTA को नोटिस जारी किया है। SC की अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अगर 0.01% प्रतिशत भी किसी की खामी पाई गई तो उससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने NTA से कहा कि वो छात्रों की शिकायत को नज़रअंदाज न करें। अगर एग्जाम में वाकई कोई गलती हुई है तो उसे समय रहते सुधारा जाए।

इस याचिका को जोड़ा एक साथ
कोर्ट ने आगे कहा कि हम छात्रों की मेहनत को समझते हैं। दोनों याचिकाओं को पिछली याचिकाओं के साथ जोड़ा। साथ ही इसकी भी सुनवाई 8 जुलाई को तय की गई। वहीं, याचिकाकर्ता नितिन विजय का कहना है कि 20 हज़ार छात्रो ने नीट एक्जाम में गड़बड़ी को लेकर चलाए जा रहे डिजिटल सत्याग्रह के तहत अपनी शिकायत दी है। याचिका में पेपर लीक और गड़बड़ी का हवाला देते हुए पूरी परीक्षा रद्द कर नए सिरे से परीक्षा किए जाने की मांग की गई।

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