March 25, 2025

CG : हर घर कुंए वाला गांव प्यासा; ग्रामीण पीने के पानी को तरसे, जानिए क्यों हुआ जलसंकट

DMT00000
FacebookTwitterWhatsappInstagram

धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का भटगांव कुओं के लिए जाना जाता हैं. पूरे गांव में 1000 से ज्यादा कुंए होने की बात कही जाती है.इस गांव में भूजल स्तर इतना अच्छा है कि जमीन से 10 से 20 फीट नीचे ही पानी मिल जाता है.लेकिन आज हम आपको इस गांव की सबसे बड़ी समस्या के बारे में बताने जा रहे हैं.आपको हैरानी होगी,लेकिन इन दिनों ये गांव पेयजल संकट से जूझ रहा है.इस गांव के लोग अब पीने के पानी के लिए एक दूसरे पर लाठी डंडा चलाने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं.

पीने के पानी की किल्लत : भटगांव पंचायत ने पेयजल समस्या को देखते हुए घरों में नल लगवाएं हैं.लेकिन इन नलों से भी पूर्ति लायक पर्याप्त पानी लोगों को नहीं मिल पाता.जिसके कारण एक नल में सैंकड़ों की तादाद में लोगों की भीड़ जुट जाती है. पानी लेने के लिए लोगों के बीच झगड़े जैसी स्थिति पैदा हो जाती है.

मार्च के बाद पीने के पानी की समस्या बढ़ जाती है. क्योंकि एक ही नल के आसपास कई सारे लोग इकट्ठा हो जाते हैं.जो पानी के लिए झगड़ा करते हैं. लोग पानी नहीं मिलने से परेशान रहते हैं.ऐसे में आपस में ही झगड़ा लड़ाई रोज होता है- दयावती, ग्रामीण

इस गांव में कुछ लोगों के घरों में निजी बोर है. जिनके घरों में भी लोग पानी लेने पहुंचते हैं.ऐसे में रोजाना पानी मांगने वालों के कारण बोर वाले भी गांववालों को पानी देने से कतराने लगे हैं. फिर भी ग्रामीण पानी की जरुरत को देखते हुए अपमान सहकर पानी मांगने लोगों के घरों में चले जाते हैं.लेकिन बड़ा सवाल ये है कि इतने कुंए होने के बाद भी लोगों को पीने के पानी की समस्या क्यों हुईं.

हर घर में कुंआ है लेकिन पानी पीने लायक नहीं है.क्योंकि कुंए का पानी गंदा है.जो सरकारी नल है उससे जितना पानी आता है उससे सिर्फ एक दो बर्तन ही भर पाते हैं -भेदराम ध्रुव, ग्रामीण

गांव में पानी की समस्या है.गांव में हर घर में कुंआ है,लेकिन कुंए में सेप्टिक टैंक का पानी मिल चुका है.जिससे पानी को नहीं पी सकते हैं- मकसूदन सिन्हा, ग्रामीण

क्यों हुई पीने के पानी की किल्लत : कई साल पहले जब गांव में जलसंकट हुआ तो ग्रामीणों ने कुंए खोदने शुरु किए. ताकि पानी की जरुरत को पूरा किया जा सके.पिछले कुछ साल तक इस गांव में लोगों की प्यास कुंओं ने भी बुझाई है.लेकिन मौजूदा समय में घर-घर टॉयलेट बन गए.जिसके पीछे बड़ी संख्या में सेप्टिक टैंक भी बनें.इन सेप्टिक टैंकों से गंदगी जमीन के अंदर जाकर कुंओं के पानी में मिलने लगी.जिसका परिणाम ये हुआ कि कुंओं का पानी पीने लायक नहीं रहा. भटगांव की नवनिर्वाचित पंचायत बॉडी ने भी पेयजल संकट का समाधान निकालने के काम को अपनी पहली प्राथमिकता में रखा है.

FacebookTwitterWhatsappInstagram
error: Content is protected !!
Exit mobile version