March 17, 2025

इस देश ने चूहे को दिया वीरता पुरस्कार, बचाई हजारों लोगों की जान

magawa_rat-sixteen_nine

नई दिल्ली। जीव-जंतुओं या जानवरों की बहादुरी के किस्से अक्सर सुनने और देखने को मिलते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां अफ्रीकी नस्ल के एक विशाल चूहे को ब्रिटेन की एक संस्था ने बहादुरी के लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया है.

द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मगावा नाम के विशाल चूहे ने कंबोडिया में अपने सूंघने की क्षमता से 39 बारूदी सुरंगों का पता लगाया था. अपने काम के दौरान इस चूहे ने 28 जिंदा विस्फोटकों का भी पता लगाकर हजारों लोगों की जान बचाई है. इस पुरस्कार को जीतने वाला पहला चूहा है. मगावा सात साल का है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को ब्रिटेन की एक चैरिटी संस्था पीडीएसए ने इस चूहे को सम्मानित किया. मागावा ने दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया में 15 लाख वर्ग फीट के इलाके को बारूदी सुरंगों से मुक्त बनाने में मदद की. यह बारूदी सुरंगें 1970 और 1980 के दशक की थीं जब कंबोडिया में बर्बर गृह युद्ध छिड़ा था.

दरअसल, कंबोडिया 1970 से 1980 के दशक में भयंकर गृह युद्ध से प्रभावित रहा है. इस दौरान दुश्मनों को मारने के लिए बड़े पैमाने पर बारूदी सुरंगे बिछाई गईं थी. लेकिन, गृहयुद्ध के खत्म होने के बाद ये सुरंगे अब यहां के आम लोगों की जान ले रही हैं.

बता दें कि, चूहों को सिखाया जाता है कि विस्फोटकों में कैसे रासायनिक तत्वों को पता लगाना है और बेकार पड़ी धातु को अनदेखा करना है. इसका मतलब है कि वे जल्दी से बारूदी सुरंगों का पता लगा सकते हैं. एक बार उन्हें विस्फोटक मिल जाए, तो फिर वे अपने इंसानी साथियों को उसके बारे में सचेत कर देते हैं.

मालूम हो कि ब्रिटिश चैरिटी पीडीएसए एक ऐसी संस्था है जो हर साल बेहतरीन काम करने वाले जानवरों को पुरस्कृत करती है. इस संस्था के 77 साल के लंबे इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी चूहे ने इस तरह का पुरस्कार जीता है.  

error: Content is protected !!
News Hub