November 15, 2024

‘इस बार हारेंगे ट्रंप’- 36 सालों से सटीक भविष्यवाणी कर रहे शख्स का दावा

वाशिंगटन। ‘जो बिडेन आगामी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को हरा देंगे.’ जी नहीं, ये हम नहीं कह रहे बल्कि यह भविष्यवाणी उस शख्स ने की है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत को लेकर 1984 से जो भविष्यवाणी कर रहा है, सच हो रही है। जी हां, ये हैं एलन लिक्टमैन (Allan Lichtman). एलन एक लेखक हैं और एक अमेरिकी यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर भी हैं।  पिछली बार ट्रंप की जीत की भविष्यवाणी करने वाले एलन ने इस बार उनकी हार की भविष्यवाणी कर दी है।  

एक अमेरिकी टीवी चैनल सीटीवी के साथ बातचीत करते हुए कहा कि इस बार वो 2016 से उलट भविष्यवाणी कर रहे हैं क्योंकि सात की पॉइंट्स ट्रंप के खिलाफ हैं और वो एक की पॉइंट से इस बार हार की तरफ हैं।  अमेरिकी चुनाव में कौन जीतेगा, कौन नहीं? यह भविष्यवाणी करने के लिए एलन ’13 की पॉइंट्स’ की पद्धति अपनाते हैं।  एलन की इस अनूठी तकनीक के साथ ही जानिए कि एलन के बारे में और क्या जानने लायक है। 

जिस तकनीक के आधार पर एलन राष्ट्रपति पद पर बढ़त लेने वाले उम्मीदवार का विश्लेषण करते हैं और उसके आधार पर भविष्यवाणी, वह पद्धति वास्तव में, ‘सही और गलत’ सवालों जवाबों पर आधारित है. जो पदस्थ उम्मीदवार है, अगर वो एक सवाल का जवाब ‘सही’ में दे पाता है तो उसे एक पॉइंट मिलता है और उसके एक ‘गलत’ जवाब से उसके प्रतिद्वंद्वी को एक पॉइंट। 

अपने इस मॉडल के बारे में 73 वर्षीय एलन बताते हैं कि यह उनका अपनी तरह का मॉडल है।  जो पार्टी व्हाइट हाउस में काबिज़ है, उसके उम्मीदवार की ताकत और प्रदर्शन को मापने के इस मॉडल के आधार पर उन्हें एक बारीक समझ और विश्लेषण में मदद मिलती है।  अपने इस पैमाने के बारे में एलन ‘द कीज़ टू द व्हाइट हाउस’ जैसी चर्चित किताब भी लिख चुके हैं। 

साल 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव ट्रंप जीतेंगे, यह भविष्यवाणी करने वाले एलन अकेले भविष्यवक्ता थे और इसी कारण वह बेहद चर्चा में रहे।  यही नहीं, साल 2017 में एलन ने एक किताब लिखी, जिसका शीर्षक था ‘द केस फॉर इम्पीचमेंट’. इस किताब में एलन ने यह चर्चा की थी कि ट्रंप पर महाभियोग चलाए जाने के पीछे कितने कारण हो सकते हैं।  इस किताब को काफी अच्छे रिव्यू मिले थे. यह किताब और एलन फिर चर्चा में तब आए जब 2019 में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही चली. एक बार फिर एलन की भविष्यवाणी सच साबित हो रही थी। शिक्षाविद और लेखक होने के साथ ही एलन ने सामाजिक, कानूनी और राजनीतिक मुद्दों पर न केवल अपनी राय रखी, बल्कि सरकारी विभागों के साथ मिलकर कुछ मुद्दों के लिए काम भी किया. मसलन, साल 2000 के चुनाव में फ्लोरिडा में हुई अनियमितताओं के मामले में नागरिक अधिकारों संबंधी जांच में अपनी रिपोर्ट देते हुए कहा था कि ‘मतपत्रों के खारिज किए जाने के पीछे कई नस्लभेदी असमानताएं’ देखी गईं। 


अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को लेकर पिछले करीब 35 सालों से सही विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे एलन खुद एक बार छोटे स्तर पर चुनाव हार चुके हैं।  साल 2006 में अमेरिकी सीनेट के लिए मैरीलैंड से एलन ने चुनाव लड़ा था, लेकिन एक टीवी चैनल के डिबेट में उन्हें आमंत्रित नहीं किए जाने से एक विवाद पैदा हुआ. प्रदर्शन करने पर एलन और उनकी पत्नी को गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें आरोपों से बरी किया गया। 

कुल मिलाकर इस पूरे विवाद का अंजाम ये हुआ कि एलन चुनाव न केवल हारे बल्कि वोटों की संख्या के आधार पर छठे नंबर के उम्मीदवार रहे।  साल 2012 में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि छह साल पहले अपने चुनाव अभियान के लिए जो कर्ज लिया था, उसे एलन तब भी चुका रहे थे। 

गौरतलब यह है कि इस बार ट्रंप के आक्रामक प्रचार के बावजूद जो बिडेन का दावा काफी मज़बूत माना जा रहा है।  ऐसे में, ‘Prejudice and the Old Politics’ और Repeal the Second Amendment: The Case for a Safer America’ जैसी चर्चित किताबों के लेखक एलन के दावों पर सबकी नज़र है। 

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