April 19, 2024

शाकाहारी मगरमच्छ : अनंतपुरा झील मंदिर का खाता है प्रसाद

कासरगोड। भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी अलग पहचान के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं. ऐसा ही केरल में एक मंदिर है, जो अपनी खासियत के लिए जाना जाता है. यह मंदिर केरल के कासरगोड जिले के कुंभाला में अनंतपुरा झील पर स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि अनंतपुरा झील मंदिर में एक अनोखा मगरमच्छ रहता है, जो शाकाहारी है और प्रसाद ग्रहण करता है. इस मगरमच्छ का नाम बबिया है. 

अनंतपुरा झील मंदिर की एक फोटो वायरल हुई है. जिसमें दिखाया गया है कि बबिया मगरमच्छ झील से बाहर आता है और नाडा मंदिर के (गर्भगृह के प्रवेश द्वार) के सामने आकर रुक जाता है. मंदिर के सहायक पुजारी कीजे शांति ने यह फोटो फेसबुक पर शेयर की है.फोटो में बबिया मगरमच्छ मंदिर के गर्भगृह के सामने आता दिख रहा है. पुजारी के फोटो शेयर करने के बाद यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

बताया जा रहा है कि कासरगोड के एकमात्र अनंतपुरा झील मंदिर का बबिया मगरमच्छ शाकाहारी है, जो हमेशा से लोगों के लिए जिज्ञासा का प्रश्न बना रहता है. वहीं, यह भी पता चला है कि यह मगरमच्छ करीब 75 साल का है.जानकारी के मुताबिक, अनंतपुरा झील मंदिर का बबिया मगरमच्छ एक गुफा में रहता है. मंदिर में जब श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं तब वे देखते हैं कि बबिया मगरमच्छ गुफा के द्वार तक आता है और मंदिर के पुजारी उसको प्रसाद के तौर पर चावल देते हैं. श्रद्धालु कभी-कभी झील में या झील के पास एक तालाब में भी इस मगरमच्छ को देखते हैं.


ऐसा कहा गया है कि बबिया मगरमच्छ लंबे समय से रात में पूजा और मंदिर के प्रवेश द्वार बंद होने के बाद गर्भगृह के पास ही रहता है. हालांकि, लोगों ने इसे तब तक गंभीरता से नहीं लिया, जब तक उन्होंने ऐसी कोई फोटो नहीं देखी थी. अब जब बबिया मगरमच्छ की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, तब जाकर लोगों ने इस पर विश्वास किया.


सुबह के समय गर्भगृह के प्रवेश द्वार को खोलने के लिए जब मंदिर के मुख्य पुजारी मलशांति सुब्रमण्यम भट्ट मंदिर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि गर्भगृह के सामने मगरमच्छ मौजूद है. मलशांति ने पुरुषार्थम और विष्णु सूक्तम (भगवान की स्तुति करते हुए प्रार्थना) का जाप किया. जिसके बाद बबिया मगरमच्छ अपने आप ही झील में वापस लौट जाता है.

मंदिर के गर्भगृह के सामने बबिया मगरमच्छ की फोटो दुर्लभ है. हजारों लोग इसको शेयर कर चुके हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस अनंतपुरा झील मंदिर में जो मगरमच्छ था, उसे ब्रिटिश सैनिकों ने मार डाला था. इसके बाद जल्द ही बबिया को झील में देखा गया.भक्तों का मानना ​​है कि बबिया मगरमच्छ को करीब से देखना सौभाग्यशाली होता है. इस मंदिर में मगरमच्छ के लिए एक विशेष प्रसाद भी बनता है. 

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