December 4, 2024

VIDEO : अस्थायी गौठान में 50 गायों की मौत, बचे गोधन की भी हालत गंभीर, मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में ग्राम पंचायत की लापरवाही ने पचास से ज्यादा गायों की जान ले ली हैं। इतना ही नहीं पचास से ज्यादा गायों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। कलेक्टर सारांश मित्तर के मुताबिक़ मौके पर प्रशासन की टीम और पशु चिकित्सा दल मौजूद है। घटना के कारणों की जांच की जा रही है।    

पूरी घटना ज़िले के तखतपुर ब्लॉक के मेड़पार पंचायत में सामने आई हैं। जहाँ के पुराने पंचायत भवन में सौ से अधिक मवेशियों को रख दिया गया जिससे पचास मवेशियों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि  क़रीब पंद्रह फ़ीट के एक कमरे में जो कि पुराने पंचायत भवन का कमरा था वहाँ सौ से उपर मवेशियों को रखा गया था। सुबह तक दम घूँटने से पचास गायों की मौत हो गई।
बाताया जा रहा है कि मेड़पार बाजार स्थित पंचायत भवन को अस्थायी गोठान बनाया गया था और यहां सौ से अधिक मवेशियों को पिछले कुछ दिनों से रखा गया था। इनमें से 50 गायों की मौत की जानकारी सामने आ रही है। तखतपुर विकास खण्ड में आने वाले ग्राम पंचायत मेड़पार बाजार मैं गौठान नहीं है। इसके चलते सभी गायों और अन्य मवेशियों को सरपंच और सचिव ने ग्राम पंचायत के पुराने जर्जर भवन में घेर रखा था।   

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बिलासपुर  कलेक्टर सारांश मित्तर के मुताबिक़ यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, और हम पता लगा रहे हैं कि ऐसी क्या परिस्थिति निर्मित हुई कि मवेशियों को इतने छोटे से कमरे में रख दिया गया, गंभीर प्रत्येक गोवंश को स्वास्थ्य लाभ देने पशु चिकित्सकों की पूरी टीम मौजुद है, साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों का दल भी। हम गौ वंश मालिकों को क्षतिपूर्ति भी दे रहे हैं। यह अक्षम्य है दोषियों को नहीं छोड़ेंगे। 

  बता दें कि छत्तीसगढ में राज्य सरकार गाे वंश के संवर्धन के लिए कई योजनाएं चला रही है, इनमें गोठान योजना भी प्रमुख है। इसके तहत गांवों में मवेशियों को सुरक्षित आवास देने के लिए गोठान स्थापित किए गए हैं। पिछले दिनों राज्य सरकार ने गोबर की खरीदी के लिए गोधन न्याय योजना भी शुरू की थी। इसके बाद इस तरह की लापरवाही जनक बड़ी घटना सामने आने से योजनाओं पर सवालिया निशान लगता हैं।   

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