November 15, 2024

VIDEO: छत्तीसगढ़ में रंग-बिरंगे कीड़े का प्रकोप, मुनगा – गुलमोहर को खतरा

रायपुर । छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मुनगा, गुलमोहर और अन्य हरे भरे वृक्षों में अचानक एक रंग बिरंगे कीट का प्रकोप देखा जा रहा हैं। इतना ही नहीं दुर्ग-भिलाई,बिलासपुर और कुछ और जिलों में सड़क किनारे रोपित किये गए  पेंटाफार्म वृक्षों पर भी इन कीटों ने धावा बोला हैं। सदाबहार और पीले गुच्छेदार फूलों से लदे रहने वाले यह पेड़ बड़ी संख्या में सूख गए हैं। कृषि वैज्ञानिक इसका कारण पोइसीनिया लूपर कीट के जबरदस्त प्रकोप  को ही मान रहे है। यह कीट  मुनगा वृक्ष के पत्तियों के साथ साथ छाल को भी कुतरने लगा है। सूबे के कुछ उद्यानों में भी कीट का प्रकोप दिख रहा है और फूलों, पत्तियों को खाकर नष्ट भी कर रहा है। साल बोरर की तरह यह कीट सूबे की हरियाली को ग्रहण लगाए उससे पहले वन और कृषि विभाग दोनों को ही सचेत होना पड़ेगा। 


सरगुजा,बेमेतरा सहित कुछ अन्य जिलों में तो कृषि विभाग ने जिनके घर आंगन और बाड़ी में गुलमोहर और मुनगा के पौधे लगे हैं उसमें तत्काल रासायनिक दवाइयों का छिड़काव करने अलर्ट भी जारी किया है। रासायनिक दवाइयों के साथ रात में प्रकाश प्रपंच की व्यवस्था करने कहा है ताकि कीट एक ही जगह जमा हो जाएं और नष्ट किया जा सके।


राजधानी रायपुर के कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक़ यह कीट चार अवस्था में नजर आ रहा है। अंडा, लार्वा, प्यूपा और प्रौढ़ परंतु अंडे से निकलने के बाद लार्वा काफी सक्रिय हो जाता है। भोजन की तलाश में रेंगते हुए पोषक पेड़ों जैसे गुलमोहर, मुनगा एवं अन्य पेड़ों की पत्तियों फूलों को खाकर नष्ट कर देता है। वातावरण में नमी की स्थिति में लार्वा अवस्था में यह कीट पत्तियों, फूलों को खाकर अपना आकार परिवर्तित करता है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि अपने खेतों में लगे गुलमोहर और अन्य फूल पौधों की निगरानी करें। अन्यथा इसका प्रकोप बढ़ जाएगा। 


इस कीट के लगते ही प्रकाश प्रपंच की व्यवस्था करने के साथ रासायनिक दवा क्लोरो पाईरिफास व क्लोरो साइपर नामक दवाई का छिड़काव करें। कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि यदि शहर के उद्यानों पर भी नजर नहीं पड़ी तो उद्यानों को यह कीट तबाह कर देगा। छोटे-छोटे पौधों की कोमल पत्तियों को यह कीट चूस जाता है। आक्रमण तेज होने पर रासायनिक दवाओं से रोकथाम भी मुश्किल हो सकता है। इसलिए शुरुआती दिनों में ही इस कीट की रोकथाम के लिए उपाय करना जरूरी होगा। 

बिलासपुर से कोटा मार्ग पर तो पेंटाफार्म वृक्षों की असमय सूखने के लिए इन कीटों को ही जवाबदार माना जा रहा हैं।  इसी इलाके से कुछ तस्वीर और विडिओ वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के शौक़ीन वरिष्ठ पत्रकार प्राण चड्ढा ने अपने कैमरों में कैद किया हैं। इसे उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर शेयर भी किया हैं।  आप भी देखिये 

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