किसानों की सरकार को चेतावनी- ‘संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि कानूनों को रद्द करें वरना…’
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसान नए कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान संगठनों की मांग है कि इन कानूनों को जल्द से जल्द वापस लिया जाए. प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए और अगर मांगें नहीं मानी गईं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को बाधित किया जाएगा. संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता दर्शन पाल ने आरोप लगाया कि केंद्र किसान संगठनों में फूट डालने का काम कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा.
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, ‘तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र को संसद का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए.’ किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर केंद्र तीनों नए कानूनों को वापस नहीं लेगा तो किसान अपनी मांगों को लेकर आगामी दिनों में और कदम उठाएंगे. संवाददाता सम्मेलन के पहले करीब 32 किसान संगठनों के नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर बैठक की जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए.
उधर क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शनपाल ने कहा कि हम चाहते हैं कि तीनों कानूनों को रद्द किया जाए. हम चाहते हैं कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों को रद्द कर दे. उन्होंने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि हमारे पंजाब के किसानों के अलावा पूरे देश के किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया जाए. हमने 5 तारीख़ को पूरे देश में मोदी सरकार का पुतला दहन करने का आह्वान किया है. पूरे देश में 5 तारीख को धरना देंगे. 7 तारीख को खिलाड़ी और कलाकार, जिन्हें राष्ट्रीय अवार्ड मिले हैं वे उन्हें वापस दे देंगे.
उधर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि किसानों की परेशानियों पर बिंदुवार तरीके से चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि किसानों की तरफ से जो विषय आएगा उसपर चर्चा की जाएगी इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.उन्होंने कहा कि 3 दिसंबर को यूनियन के लोग आएंगे वह इन बिंदुओं पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं किसानों से अपील करता हूं कि कानून उनके हित में हैं और सुधार लंबे इंतजार के बाद किए गए हैं. लेकिन अगर उन्हें इस पर कोई आपत्ति है तो हम उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार हैं.