चारों आरोपियों को हुई फांसी, आखिर निर्भया को मिला न्याय
नई दिल्ली। निर्भया को आखिर न्याय मिल ही गया। सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दोषियों विनय कुमार शर्मा , पवन कुमार गुप्ता , मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे फांसी पर लटका दिया गया।
सात साल के लंबे इंतजार के बाद निर्भया को इंसाफ मिल गया है। मामले के चारों दोषियों को फांसी दे दी गई है। जेल अधिकारियों ने इसकी पुष्टि कर दी है। इन्हें दिल्ली के तिहांड जेल में फांसी दी गई। चार डेड बॉडी ले जाने के लिए दो एंबुलेंस बुलाई गई हैं। जेल के बाहर भीड़ है। चारों शव का हरिनगर में दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम होगा। चिकित्सकों का पैनल पोस्टमॉर्टम करेगा। जेल के बाहर पैरा मिलिट्री फोर्स तैनात है।
निर्भया के दोषियों ने फांसी से बचने के लिए हर कानूनी दांव पेंच अपनाया, लेकिन उन्हें शुक्रवार यानी आज सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया। मेरठ के पवन जल्लाद ने निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर झुलाया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की फांसी टालने की याचिका शुक्रवार तड़के 3.40 बजे खारिज कर दी। यानी फांसी के दो घंटे पहले तक निर्भया के दोषी अपनी सजा रोकने को हर कानूनी दांव पेंच का सहारा लेते रहे। दोषियों की याचिका पर देर रात 2.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।
कोर्ट ने तड़के 3.40 बजे याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर कहा कि आप बार-बार वही दलील दे रहे हैं जो हर स्टेज पर, हर कोर्ट में खारिज हो चुकी हैं और राष्ट्रपति के पास दया याचिका भी खारिज हो चुकी हैं। दोषियों के वकील ने पवन की उम्र का सवाल भी उठाया। यह भी कहा कि उनकी एक दया याचिका एलजी के पास भी लंबित है। इससे पहले निर्भया के दोषियों के लिए जारी हुए चौथे डेथ वारंट पर रोक लगाने से दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने गुरुवार को इन्कार कर दिया।