करंट से किया भालू का शिकार, वन विभाग ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिलान्तर्गत पिथौरा वन परिक्षेत्र के बुंदेली के जंगल में अवैध शिकार करने वाले एक गिरोह को स्थानीय वन विभाग ने गिरफ्तार किया है। गिरोह के कुल 4 आरोपियों में से तीन आरोपी गिरफ्त में हैं और एक आरोपी फरार हो गया है। सूचना मिलने पर वन अमले ने ये कार्रवाई की है। पुलिस के मुताबिक छिंदौली और टिकरापारा के बीच दो भालू मृत पड़े थे। सूचना के बाद वनकर्मियों ने जंगल जाकर देखा तो घटनास्थल पर बिजली का तार फैला हुआ था।
वन अमले ने जब घटनास्थल का मुआयना किया तो वहां से करीब 1 किलोमीटर लंबी जीआई तार मिली। जिसे गांव के पास एक ट्रांसफार्मर से जोड़कर करंट प्रवाहित किया गया था. उसके बाद वन विभाग ने डॉग स्क्वॉयड की मदद ली। जहां घटनास्थल से एक ग्रामीण रामजी निषाद के घर जाकर डॉग रुक गया। पूछताछ में वन विभाग को पता चला कि रामजी पहले भी शिकार के मामले में आरोपी रह चुका है। उसके बाद वन विभाग की टीम ने रामजी के घर की तलाशी शुरू की। जहां उन्हें चीतल के सिंग और तार का फंदा बनाने में इस्तमाल होने वाली खूंटी मिली।
पूछताछ में रामजी ने अपना अपराध कबूल कर अपने तीन अन्य साथियों का नाम भी बताया. रामजी ने साथी नैन सिंह और देवलाल का नाम बताया. पूछताछ में पता चला कि वे जंगल में वन्यप्राणियों के आवागमन के रास्ते में खूंटी और बोतल की मदद से बिजली के तार फैला देते हैं। इसके बाद ट्रांसफार्मर से इन तारों से करंट प्रवाहित कर देते हैं. वे खुद दूर से चीतल और जंगली सूअरों के फंसने का इंतजार करते रहते हैं। तारों के जाल में फंसकर जैसे ही कोई जानवर करंट से गिरता है, बोतल आपस में टकराकर आवाज करती है। शिकारी इसके बाद शिकार उठाकर ले जाते थे।
इस बार शिकारियों के जाल में एक नर और एक मादा भालू फंस गए. जिसके बाद करंट की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई. वन विभाग वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच में जुट गया है. वन विभाग ने घटना में इस्तमाल किए गए जीआई तार और अन्य करंट प्रवाहित करने वाले तार, मांस काटने के औजार, खाली बोतल, लकड़ी की खूंटी भी जब्त किया है।