बीजापुर में कांग्रेस MLA के काफिले पर फायरिंग का मामला, 5 दिन बाद नक्सलियों ने सफाई में क्या कहा?
बीजापुर। जिले में कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर हमले के बाद नक्सलियों ने सफाई दी है. नक्सलियों का कहना है कि ‘विधायक या कोई और नेता हमारे निशाने पर नहीं थे, हमने सुरक्षा बलों की गाड़ी समझकर फायरिंग की थी.’ घटना के करीब 5 दिन बाद पश्चिम बस्तर डिवीजनल कमेटी की तरफ से जारी प्रेस नोट में माओवादी प्रवक्ता मोहन सचिव का नाम है.
नक्सलियों ने हमले को पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) के जरिए अंजाम देना कबूल किया है. बता दें कि 18 अप्रैल को बीजापुर -गंगालूर रोड पर नक्सलियों ने कांग्रेसी विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर फायरिंग की थी. हालांकि नक्सलियों के हमले में विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि बाल-बाल बच गए थे.
कांग्रेस विधायक के काफिले पर हमला मामला
नक्सलियों की तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि बीजापुर गंगालूर रोड पर पीएलजीए की टीम ने पुलिस का काफिला समझकर फायरिंग की थी. नक्सलियों की TCOC के तहत की गई प्रतिरोध की कार्रवाई थी. किसी नेता को टारगेट करके हमला नहीं किया गया था. नक्सलियों ने प्रेस नोट में हवाई हमले का भी जिक्र करते हुए लिखा है कि बस्तर संभाग में आए दिन नए-नए फॉरवर्ड ऑपरेशन बेस्ड कैंपों को स्थापित किया जा रहा है. पिछले 3 वर्षों में तीन बार एयर स्ट्राइक किए गए हैं. इसके अलावा 7 अप्रैल को सुकमा के पामेड़ इलाके में भी एयर स्ट्राइक अंजाम दिया गया.
घटना के 5 दिन बाद नक्सलियों की सफाई
सेंट्रल फोर्स, डीआरजी, स्टेट पुलिस, कमांडो, सेना मिलकर पीएलजीए और जनता पर हमला करते हुए कई सारे लोगों की हत्या कर रहे हैं. पुलिस के जवान ग्रामीणों को लगातार यातनाएं दे रहे हैं. जनता पर अत्याचारों के प्रतिरोध में नक्सली संगठन हर साल की तरह इस साल भी जनवरी माह से पूरे दंडकारण्य में टीसीओसी अभियान चला रहा है. इसी TCOC अभियान के तहत बीजापुर के गंगालूर में पीएलजीए की टीम ने पुलिस का काफिला समझकर फायरिंग की थी. नक्सलियों ने किसी नेता को टारगेट करके हमला नहीं किया था.