CG : राजधानी में 18 एंबुलेंस जब्त; गांजा पकड़े जाने के बाद जागा परिवहन विभाग, बिना अनुमति वाली एंबुलेंस पर कार्यवाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक सप्ताह पहले आमानाका पुलिस थाना क्षेत्र में एक एंबुलेंस से 364 किलो गांजा पकड़ा गया था। जांच में यह सामने आया कि एंबुलेंस की अनुमति परिवहन विभाग से नहीं ली गई थी। इसके बाद परिवहन विभाग जागा। शहरभर में दौड़ रही एंबुलेंस की जांच शुरू की। परमिट, अनुमति और चालकों के लाइसेंस नहीं होने पर कार्रवाई की जा रही है।
बीते दो दिनों में आंबेडकर अस्पताल, एम्स के अलावा निजी अस्पतालों के सामने खड़ी 18 एंबुलेंस जब्त की गई, जिन्हें संबंधित थानों में खड़ा किया गया है। जांच आगे भी जारी रहेगी। राजधानी में सरकारी के साथ हजारों की संख्या में निजी एंबुलेंस बेधड़क दौड़ रही हैं। कोरोना के समय पैसे कमाने के चक्कर में कई लोगों ने सैकड़ों वैन और मिनीडोर को एंबुलेस में तब्दील कर चलाना शुरू कर दिया था।
नियमानुसार एंबुलेंस का संचालन करने के लिए परिवहन विभाग से अनुमति लेनी होती है, लेकिन संचालकों ने ऐसा नहीं किया। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद परिवहन विभाग की उड़नदस्ता टीम अवैध रूप से संचालित एंबुलेंस पर कार्रवाई कर रही है।
रायपुर में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर सड़कों पर दौड़ रहीं निजी एंबुलेंस मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर महज खानापूर्ति कर रही हैं। नियमों को ताक पर रखकर संचालित इन एंबुलेंस में न तो जीवन रक्षक दवाओं की व्यवस्था है और न ही प्रशिक्षित स्टाफ।
इनकी निगरानी करने वाले स्वास्थ्य विभाग के मौन रहने का कुप्रभाव मरीजों और उनके स्वजन पर पड़ रहा है। नौसिखिया एंबुलेंस चालक गंभीर मरीजों को ढोते नजर आ रहे हैं। नेशनल हेल्थ मिशन और परिवहन विभाग के नियमों को ताक पर रखकर जिले में सैकड़ों निजी एंबुलेंस संचालित हैं।
4,766 पंजीकृत, दौड़ रहीं 10 हजार एंबुलेंस
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेशभर में सबसे अधिक रायपुर जिले में कुल 4,766 एंबुलेंस पंजीकृत हैं, जबकि 10,000 से अधिक निजी एंबुलेंस दौड़ रही हैं। परिवहन विभाग हर वर्ष इनका फिटनेस प्रमाणपत्र जरूर जारी करता है, पर स्थिति यह है कि कई एंबुलेंस से जरूरी उपकरण, आक्सीजन, मास्क, सिलेंडर, बीपी मशीन, अग्निशमन यंत्र तक गायब हैं।
एंबुलेंस में यह होना जरूरी
परिवहन विभाग के मानक के अनुसार एंबुलेंस में प्रशिक्षित पैरा-मेडिकल स्टाफ, आपातकालीन जीवन रक्षक दवाइयां होनी चाहिए। साथ ही स्टेथोस्कोप, बीपी मानिटर, फोल्डिंग मशीन और पावरफुल टार्च होना अनिवार्य है, लेकिन पंजीकृत एंबुलेंस तक से ये सारे उपकरण नहीं रहते।
परमिट टैक्सी का, काम एंबुलेंस का
शहर में कई एंबुलेंस ऐसी हैं, जिनका परमिट टैक्सी का है। टैक्सी परमिट वाले वाहनों की नंबर प्लेट पर पीली पट्टी होती है।
आरटीओ रायपुर कीर्तिमान सिंह राठौर ने कहा, मानक के विरुद्ध जिले भर में संचालित निजी एंबुलेंस के खिलाफ जांच अभियान चलाकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। दो दिनों के भीतर ऐसी 18 एंबुलेंस जब्त की गई हैं। किसी भी हालत में मानक के विपरीत एंबुलेंस का संचालन नहीं होने दिया जाएगा।