CG : गांजा तस्करी में शामिल GRP के चारों कांस्टेबल बर्खास्त, संपत्ति की जांच में हुआ आय से कई गुणा संपत्ति का खुलासा
बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार GRP के चार कांस्टेबलों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। सभी पर बर्खास्तगी की गाज गिर गयी है। खबर है कि विभाग की तरफ से सभी की बर्खास्तगी का प्रस्ताव पिछले सप्ताह ही तैयार हो गया था। उससे पहले आरोपी जीआरपी के आरक्षकों के खिलाफ भी फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन भी शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक सभी आरोपी जवानों की संपत्ति की जांच शुरू हो गयी है।
जानकारी के मुताबिक जीआरपी में पदस्थ चारों जवान लक्ष्मण गइन, संतोष राठौर, सौरभ नागवंशी और मन्नू प्रजापति रेल एसपी के एंटी क्राइम यूनिट में थे। उन सभी की जिम्मेदारी वैसे तो ट्रेनों में होने वाली तस्करी, अपराध आदि पर लगाम लगाना था, लेकिन, उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए गांजा तस्करों को पकड़ने के बाद उनसे जब्त माल दूसरों को सप्लाई की।
अभी तक जवानों के पास से करोड़ों की संपत्ति मिली है, जबकि जांच अभी जारी ही है। वहीं बैंक खातों से भी करोड़ों के लेनदेन का खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक बीते कुछ सालों में जवानों के खातों से तीन करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन किया गया है। ये राशि उनकी सालाना आय से कई गुना ज्यादा है। यही नहीं तस्करों के खिलाफ बनाए गए प्रकरणों में गांजा की मात्रा कम बताई गई।
इस पूरे प्रकरण में पुलिस साइलेंट तरीके से कार्रवाई कर रही है। अब पुलिस ने गुपचुप तरीके से आरोपियों की संपत्ति की जांच शुरू कर दी है। इस प्रकरण में जिला पुलिस बल और क्राइम ब्रांच के जवानों की संलिप्तता की भी जांच कराई जा रही है। दरअसल आरक्षकों के पकड़े जाने के बाद से ही शहर में चर्चा है कि वे क्राइम ब्रांच और थानों में पदस्थ बल की मदद से भी गांजे की अफरा-तफरी करते थे। जवानों ने ना सिर्फ गांजे के कारोबार से करोड़ों की संपत्ति खड़ी की, बल्कि पद का दुरुपयोग करते हुए नशे से जुड़े अवैध कारोबारियों को बढ़ावा दिया है।