CG – बाल विवाह : शादी की भनक लगते ही पहुंची CWC टीम, तब परिजनों ने ऐसे दिया चकमा, फिर मंदिर में नाबालिग लड़की की कराई गई गुपचुप शादी
रायगढ़। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायगढ़ जिले (Raigarh) में आखिरकार नगर निगम के भाटिया वाटिका में कल नाटकीय तरीके से किये गये नाबालिग के विवाह (Child Marriage) मामले में सीडब्ल्यूसी (CWC) की टीम का शक सच निकला. इस मामले में नाबालिग लड़की की मंदिर में युवक के साथ शादी करा दिया गया था. जिसे नाबालिग के परिजन नकार रहे थे. इस मामले में फिलहाल सीडब्ल्यूसी की टीम ने नाबालिग को चक्रधर बाल सदन (Chakradhar Bal Sadan) भेज दिया है और दूल्हे को बिना दुल्हन के उसके घर भेज दिया गया है.
गौरतलब है कि ग्राम कोसमनारा स्थित नगर के पीएम आवास भाटिया वाटिका में एक ठाकुर परिवार अपनी 16 साल की नाबालिग बेटी की, एक बालिग युवक के साथ शादी रचा रहे थे. इसकी जानकारी सीडब्ल्यूसी को लग जाने पर, सीडब्ल्यूसी की टीम तत्काल मौके पर पहुंची. इस दौरान किसी तरह से टीम के आने की भनक लड़की के परिजनों को लग गई, जिसके बाद परिजन पीछे के दरवाजे से बच्ची को लेकर निकल गये और एक मंदिर में विवाह करवा दिया. इस मामले में लड़की के परिजनों से सीडब्ल्यूसी की टीम जब पूछताछ की, तो वे नाबालिग की शादी कराने की बात से मुकर गए. नाबालिग लड़की के परिजनों ने खुद की सालगिरह बता कर टीम को गुमराह कर दिया.
मामले में सीडब्ल्यूसी की टीम को शक था कि लड़की की मंदिर में शादी करा दी गई है. जांच के बाद सीडब्ल्यूसी का शक सच निकला. नाबालिग लड़की की शादी परिजनों की सहमति से एक बालिग युवक से मंदिर में करा दी गई थी. इसमें खास बात यह है कि नाबालिग लड़की ने अपनी शादी को कबुल करते हुए, स्वेच्छा से खुद के द्वारा शादी किये जाने का बयान दिया है. नाबालिग द्वारा उसके माता-पिता का कोई दोष नहीं होने और उनके द्वारा शादी नहीं कराये जाने की बात कही है. जिससे इस मामले में फिलहाल नया मोड़ आ गया है.
इस मामले में विभागीय सूत्रों की मानें तो सीडब्ल्यूसी के सामने ये ऐसा पहला मामला है, जिसमें वे नाबालिग की शादी रुकवा कर भी नहीं रुकवा पाए और नाबालिग की शादी हो गई. नाबालिग की शादी के बाद जब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं आ जाता, उसको चक्रधर बाल सदन में रखा गया है. इस संबंध में जिला बाल संरक्षण अधिकारी का कहना है कि ‘नाबालिग लड़की की कल गुपचुप तरीके से मंदिर में शादी करा दी गई है. इसमें लड़की को चक्रधर बाल सदन में रखा गया है.’