CG : व्याख्याता की मौत; हाइवे मे गौवंश का कब्जा, टकराकर शिक्षक की गई जान, लाचार सिस्टम के कारण लोग हो रहे दुर्घटना का शिकार
अंबागढ़ चौकी। मवेशी पालक गायों को सड़क पर लावारिश छोड़ देते है। जिसके कारण आए दिन सड़क में मवेशियों से टकराकर राहगीर बेमौत मारे जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के अंबागढ़ चौकी जिले में सड़क में बैठे लावारिश मवेशियों से टकराकर व्याख्याता की मौत गई। सड़क पर लावारिस जानवरों के कब्जे को लेकर उच्च न्यायपालिका के सख्त निर्देश के बाद भी प्रशासन को सुध नहीं है।
यह पूरी घटना अंबागढ़ चौकी जिले की है जहां पर परसाटोला हाईस्कूल में पदस्थ व्याख्याता लकेश भंडारी अपने पैतृक गांव डोंगरगांव कुल्हाड़ी से रविवार देर शाम वर्तमान निवास अंबागढ़ चौकी लौट रहे थे। इसी दौरान नगर के मेरेगांव पानीटंकी के पास राजनांदगांव चंद्रपुर हाईवे में रोजाना की तरह सड़क पर कब्जा जमाए बैठे लावारिस मवेशियों से टकरा गए। गंभीर स्थिति में शिक्षक को लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंबागढ चौकी पहुंचाया। उनकी स्थिति नाजुक होने के कारण उन्हें मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव में भर्ती कराया गया। मेडिकल कॉलेज से उन्हें रायपुर डीके एस अस्पताल ले जाया गया। जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सड़क पर लावारिस जानवरों के कब्जे को लेकर उच्च न्यायपालिका के सख्त निर्देश के बाद भी प्रशासन और जनप्रतिनिधि को सुध नहीं है।
इस घटना से यह सवाल पैदा होता है कि, आखिर जिम्मेदार कौन है। हाइवे मे गौवंश का कब्जा, आए दिन राहगीर सड़क पर बैठे और खड़े मवेशियों से टकराकर अस्पताल पहुंचने का सिलसिला क्रमबद्ध चलते आ रहा है। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर हादसे में एक व्याख्याता की जान चली गई अब इस मौत का जिम्मेदार कौन है। उच्च न्यायालय के आदेश का अवहेलना-हाल ही में उच्च न्यायालय ने सरकार और सिस्टम के लिए आदेश पारित किया है कि सड़क पर मवेशी के इकट्ठे होने और मवेशियों के कारण किसी भी तरह का सड़क में हादसा होने में पर ग्राम पंचायत के सचिव, नगर पंचायत तथा नगर निगम के आला अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी।
अंबागढ़-चौकी नगर पंचायत के चारों ओर मुख्य सड़क पर आसपास के गांवो के आवारा पशुओं का कब्जा है।जिसके कारण आए दिन यहां पर हादसे हो रहे हैं। इधर गौवंश को लेकर बीते दिन सरकार को घेरने कांग्रेस के नेताओ ने नगर से सारे लावारिस पशुओं को इकट्ठा कर तहसील ऑफिस तक हल्ला बोला था। लेकिन इसके बाद भी नगर पंचायत नहीं सुन रहा है और ना अधिकारी, सड़क पर लावारिस पशुओं को लेकर नगर के निवासी के द्वारा लगातार उचित कदम उठाने प्रशासनिक अधिकारी तथा नगर पंचायत को वे अवगत कराते आ रहे हैं। परंतु सड़क पर मवेशियों के कब्जे को लेकर किसी भी तरह की कार्रवाई अब तक सुनिश्चित नहीं की गई और इधर एक शिक्षक की दर्दनाक मौत मौत हो गई।