November 15, 2024

CG-फ्लैक्स घोटाला : पूर्व कमिश्नर सहित चार अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज, अधिक राशि का भुगतान किया

दुर्ग। नगर पालिक निगम में साल 2019 में हुए प्लैक्स घोटाले में मोहन नगर पुलिस ने तत्कालीन चार अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दुर्ग पुलिस द्वारा मामला दर्ज न किए जाने के चलते इस पर हाई कोर्ट में परिवार दायर किया गया था। न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने तत्कालीन निगम आयुक्त सुनील अग्रहरि, तत्कालीन राजस्व निरीक्षक चंद्रकार शर्मा, तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक पवन नायक और सिंह कंस्ट्रक्शन के पार्टनर अनिल सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और षडयंत्र पूर्वक आर्थिक गबन का मामला दर्ज किया है।

इस मामले में परिवादी आप के जिलाध्यक्ष मेहरबान सिंह हैं। उनकी ओर से बताया गया है कि उन्होंने नगर निगम दुर्ग में आरटीआई लगाकर मामले की जानकारी निकाली थी। दस्तावेजों में पता चला कि 27 अगस्त 2919 को निगम के तत्कालीन सभापति राजकुमार नारायणी ने निगम आयुक्त को लिखित में शिकायत दी थी।

शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया था कि पिछले एक साल में दुर्ग नगर निगम की सीमा में जो भी फ्लैक्स बैनर लगवाए गए हैं उसका अधिक राशि में भुगतान करके भ्रष्टाचार किया गया है। यह फ्लैक्स-बैनर, निगम की योजनाओं के प्रचार-प्रसार और इसी तरह के कामों के लिए लगवाए गए थे।

पत्र में आयुक्त से जांच कर उसकी रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके बाद नगर पालिक निगम दुर्ग के पूर्व पार्षद विसेंट डिसूजा ने 29 अगस्त 2019 को दुर्ग कलेक्टर और 13 फरवरी 2020 को निगम आयुक्त दुर्ग को लिखित शिकायत दी थी। उसमें आरोप लगाया गया कि चंद्रकांत शर्मा, सुनील अग्रहरि व अन्य ने मिलकर प्रतिबंधित पीवीसी फ्लैक्स लगवाया इसके बाद भी निगम ने अधिक दर पर उसका भुगतान कर दिया।

बताया जा रहा है कि कलेक्टर में शिकायत के बाद मामले की जांच 16 सितंबर 2019 तत्कालीन आयुक्त इंद्रजीत वर्मन को सौंपी गई। उनके द्वारा सभी तथ्यों की जांच करवाई गई। स्वास्थ्य अधिकारी उमेश कुमार मिश्रा, पवन कुमार नायक और नितेश कुमार बाफना प्रोपराइटर संख्या कंस्ट्रक्शन, मनोज गुप्ता प्रोपराइटर डिगन इंटरप्राइजेस, प्रतीक सिंह, दीपक जैन, रश्मि पाठक, फजल फारुखी, प्रफुल्ल जोशी अनिल सिंह का लिखित में कथन लिया गया। इसमें सुनील अग्रहरि को कई बार नोटिस दिया गया, लेकिन वो उपस्थित नहीं हुए।

इस मालमे की जांच निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन ने की और उसके बाद 23 नवंबर 2020 को इसकी जांच रिपोर्ट संचालक नगरीय प्रशासन विभाग को भेजा। जांच में स्पष्ट किया गया कि सभी आरोपियों ने मिलकर 8 लाख 65 हजार 476 रुपए का आर्थिक गबन किया है। इसके बाद 13 अक्टूबर 2020 और 11 जनवरी 2021 को तत्कालीन दुर्ग एसपी को मामला दर्ज करने के लिए लिखा गया था। इसके बाद भी अब तक मामला दर्ज नहीं किया गया।

आप पार्टी के जिलाध्यक्ष मेहरबान सिंह का कहना है कि इतना बड़ा मामला होने के बाद भी पुलिस ने राजनीतिक दबाव के चलते एफआईआर दर्ज नहीं की। इसके बाद उन्होंने मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। जिसके बाद पद्मनाभपुर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

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