November 2, 2024

CG : बैंक में फर्जीवाड़ा; 100 महिलाओं से एक करोड़ से ज्यादा की ठगी…

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देवभोग के ग्राम उरमाल की 100 से ज्यादा महिलाओं के नाम से 1 करोड़ से ज्यादा लोन निकालकर ठगी कर ली गई है। 48 महिलाओं के नाम से 60 लाख से अधिक लोन निकाला गया है। दलाल के फरार होने पर महिलाओं को ठगे जाने का पता चला। महिलाओं ने देवभोग थाने पहुंचकर शिकायत कराई है। देवभोग थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने बताया कि, उरमाल की महिलाओ द्वारा शिकायत प्राप्त हुआ है। उच्च अधिकारी से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है। प्राप्त निर्देश के आधार पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में पीड़ित महिलाओं ने बताया कि लोन माफी और बीमा योजना का झांसा देकर लिए उनके दस्तावेज लिए गए। उसके बाद खाते में आई रकम दलाल निकाल लेता था। उरमाल ग्राम के वार्ड 3 व 04 में रहने वाली जानकी बाई, सकुंतला, हिरादी, गजुला, हराबती, दुशिला समेत अन्य महिलाएं देवभोग थाना पहुंच कर मोहल्ले में रहने वाले किशन देवांगन और उसकी पत्नी गोदावरी पर उनके नाम से लाखों रुपए लोन निकाल ठगी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि रकम देवभोग में संचालित 4 निजी माइक्रो फाइनेंस बैंक से निकाली गई है, इसमें बैंककर्मी भी शामिल हैं।

शिकायत में 48 महिलाओं की नाम की सूची देकर बताया गया है की इन सभी के नाम से भारत फाइनेंस, स्पंदना, सेटिंन, फ्यूजन जैसे माइक्रो फाइनेंस बैंक से कर्ज निकाला गया है। महिलाओं ने दावा किया है की 48 महिलाओं के नाम से 60 लाख से ज्यादा का रकम कर्ज के रूप में निकाला गया है। बोगस समूह की गारंटी पर 100 से ज्यादा महिलाओं के नाम 1 करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई। देवभोग में मौजूद माइक्रो फाइनेंस बैंक को ग्रुप लोन सेंक्शन करने का पावर है। जिन महिलाओं के साथ ठगी हुई है वो किसी समूह का संचालन नहीं करती। दलाल ने उल्लेखित का संचालन नहीं करती। दलाल ने उल्लेखित 48 महिलाओं के नाम देवभोग में मौजूद सभी बैंकों से कर्ज निकाले। सभी जगह अलग- अलग समूह के नाम का जिक्र किया गया है। बैंको ने समूह की गारंटी पर सभी महिलाओं के नाम 40 हजार से डेढ़ लाख तक का लोन दिया है। किसन यूनियन बैंक का यूपीआई लेकर ग्राहक सेवा केंद्र चलाता था, ऐसे में महिलाओ के खाते में जमा सभी रकम वह अपने घर बुलाकर आसानी से आहरण लेता था। महिलाओं के सामने उसने कभी भी रकम का जिक्र नहीं किया। इसलिए ठगी के शिकार किसी भी महिलाओं को पता नहीं की उनके नाम से कितने बैंक से कितनी रकम निकाली गई है।

पंजीकृत महिला समूह को बहुत ही कम ब्याज दर पर अधिकृत बैंक आसानी से लोन उपलब्ध करा रहे। इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है की आखिरकार निजी बैंको से कर्ज उठाने वाली ये 16 हजार महिलाएं कौन हैं। मामले की जांच हुई तो कई चौकाने वाले तथ्य भी सामने आएंगे। किशन, बैंक के नजर में एक सेंटर है। इसके जैसे कई सेंटर हैं। जहां बल्क में लेन देन हो रहा है। ठगी के मामले में बैंक अपनी या अपने किसी कर्मी के संलिप्तता को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत फाइनेंस के शाखा मैनेजर रजत चंद्राकर, स्पंदना के मैनेजर विजय नाथ के अलावा समस्ता बैंक के कस्टमर रिलेशन शिप ऑफिसर मुकेश नायक से ने बताया की किशन सेंटर से उनके बैंक से किश्त की राशि जमा होती है। बैंको के व्यवस्था स्ट्रेक्चर में किशन एक सेंटर है जो 30 से 40 महिलाओं के लोन लेन देन काम हैंडल करता हैं।

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