CG – 1.55 करोड़ के इनामी माओवादी नेता की हार्ट अटैक से मौत, गुरिल्ला युद्ध का था उस्ताद
दंतेवाड़ा। माओवादी नेता और सेंट्रल कमेटी के सदस्य आनंद उर्फ कटकम सुदर्शन का निधन हो गया. पिछले महीने की 31 तारीख को दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी. माओवादी पार्टी ने इसकी घोषणा की है. सुदर्शन का गृहनगर आदिलाबाद जिले के बेलमपल्ली में कन्नलबस्ती है. इसने वारंगल में पॉलिटेक्निक में अध्ययन किया और साम्यवादी विचारधारा की ओर आकर्षित हुआ. ये 1980 में माओवादी आंदोलन में शामिल हो गया था. तब से वह छिपकर रह रहा है. वह माओवादी पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य थे. उन्हें आनंद, मोहन, वीरेंद्रजी जैसे विभिन्न नामों से पुकारा जाता है
सुदर्शन के खिलाफ कुल 17 आपराधिक मामले थे. सुदर्शन ने दो साल पहले दंतेवाड़ा में CRPF जवानों पर भी हमला किया था, जिसमें सीआरपीएफ के 70 जवान शहीद हुए थे. सुदर्शन ने ही पिछले महीने की 28 तारीख को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं पर हमले की साजिश रची थी. याना पिछले तीन दशकों से उत्तरी तेलंगाना से छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य के आदिवासी इलाकों में माओवादी आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है. उसकी पत्नी साधना की कुछ साल पहले एक मुठभेड़ में मौत हो गई थी.
मंचिरयाला जिले के कटकम सुदर्शन 1980 में कोंडापल्ली सीतारमैया के नेतृत्व वाले पीपुल्स वार ग्रुप में शामिल हुए. पीपुल्स वार में शामिल होने से पहले उन्होंने सुदर्शन वारंगल पॉलिटेक्निक, कटकम में अध्ययन किया. अखंड आंध्र प्रदेश राज्य सहित छत्तीसगढ़ के दंडकारण्यम के आदिवासी इलाके में माओवादी आंदोलन के विस्तार में आनंद की भूमिका अहम थी.
सुदर्शन की पत्नी साधना भी नक्सली थी. कई साल पहले एक एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई थी. सुरक्षा बलों को कटकम सुदर्शन पर 2011 के दंतेवाड़ा नरसंहार का मास्टरमाइंड होने का संदेह था. दंतेवाड़ा में हुए माओवादी हमले में सीआरपीएस के 70 जवान शहीद हो गए थे. कटकम सुदर्शन को गुरिल्ला युद्ध रणनीतिकार के रूप में जाना जाता है.