ईडी ने मनी लांड्रिंग के मामले में न्यायालय में पेश की 8 हजार पेज की चार्जशीट
मनी लांड्रिंग के मामले में आईएएस समीर विश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी,लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल को किया था गिरफ्तार
रायपुर| ईडी ने शुक्रवार को रायपुर की अदालत में 8 हजार पेज की चार्जशीट पेश कर दी गई। ये चालान आईएएस समीर विश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी,लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल से जुड़ा है। इन चारों ही आरोपियों ने कैसे करोड़ों रुपयों की हेर-फेर की। कैसे पद पर रहकर आईएएस ने अपनी ताकतों का इस्तेमाल किया, ये पूरी जानकारी अदालत को दी गई है । प्रवर्तन निदेशालय के अफसर गाड़ियों में चार्जशीट लेकर चुपचाप रायपुर की अदालत पहुंचे। जज अजय सिंह की कोर्ट में अफसर पहुच गए और जानकारी दी। हालांकि चर्चा शनिवार को चार्जशीट पेश करने की थी, मगर एक दिन पहले ही इसे पेश किया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईडी ने अपनी चार्जशीट में चारों आरोपियों आईएएस समीर, कारोबारी लक्ष्मीकांत, सुनील अग्रवाल और सूर्यकांत द्वारा की गई आर्थिक गड़बड़ियों का जिक्र किया है। पहले भी ईडी ने न्यायालय को बताया है, कि जिन दस्तावेजों को आयकर विभाग ने प्रवर्तन निदेशालय से साझा किया है उसमें अवैध उगाही के तथ्य हैं। उनमें कहा गया है कि 16 महीनों में ही कोयला परिवहन से 500 करोड़ रुपए की वसूली हुई। यह रकम बांटी गई।
जून 2022 में पड़े आयकर विभाग के छापों में एक डायरी मिली थी। उसमें कई जगह समीर विश्नोई को रकम देने का जिक्र है। एक पेज पर मार्च 2022 में समीर विश्नोई को 50 लाख रुपया देने की बात लिखी है। विश्नोई के घर से भी हाथ से लिखे कई ऐसे कागज मिले हैं, जिसमें रुपयों के लेन-देन का ब्यौरा दर्ज है। यहीं से मामला ईडी के पास पहुंचा था। इस पूरे मामले में ईडी के मुताबिक गिरफ्तारी कारोबारी सुनील कुमार अग्रवाल वसूली में शामिल हैं। अग्रवाल ने फरवरी 2022 में एक कंपनी बनाई। उसने जुलाई-अगस्त 2022 में दो कोल वॉशरी खरीदी। इन दोनों के मालिकों को दबाव पूर्वक कोल वॉशरी की कीमत कम रखने पर बाध्य किया गया। उसके बाद उनको बेच भी दिया गया। आरोप है, इन कोल वॉशरी के जरिए अवैध उगाही गई रकम को खपाया गया है।