October 17, 2024

डीएमएफ घोटाला : कौन हैं माया वॉरियर? डीएमएफ घोटाले में ईडी ने किया गिरफ्तार

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ सरकार की एक महिला अधिकारी को कथित जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) घोटाले में गिरफ्तार किया है. ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि आदिवासी और अनुसूचित जाति विकास विभाग में तैनात माया वारियर को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया और बुधवार को धन शोधन निवारण अधिनियम की विशेष अदालत में पेश किया गया. पांडे ने बताया कि पिछले साल से ईडी द्वारा जांच किए जा रहे डीएमएफ मामले में यह पहली गिरफ्तारी है. कोर्ट ने वारियर को 22 अक्टूबर तक हिरासत में रखने की अनुमति दी है.

निलंबित IAS पर रिश्वत लेने का आरोप: ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया “हमने डीएमएफ मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू को प्रोडक्शन वारंट पर पेश करने की मांग करते हुए कोर्ट में एक आवेदन प्रस्तुत किया, लेकिन जेल अधिकारियों ने बताया कि रानू साहू को कुछ चिकित्सा जटिलताएं हैं. गुरुवार को मामले में रानू साहू को फिर से पेश करने की मांग की है.” वकील ने आगे बताया कि ईडी की जांच से पता चला है कि रानू साहू के रायगढ़ और कोरबा जिलों में कलेक्टर के रूप में कार्यकाल के दौरान डीएमएफ में कथित अनियमितताएं की गईं और उन्हें डीएमएफ के तहत काम आवंटित किए गए ठेकेदारों से भारी रिश्वत मिली.

माया वारियर गिरफ्तार: वकील ने दावा किया कि जब साहू कोयला समृद्ध क्षेत्रों में कलेक्टर थीं, तो वारियर वहां संबंधित विभागों में तैनात थी और उन्होंने डीएमएफ में अनियमितताओं को बढ़ावा दिया.

डीएमएफ में बड़ी मात्रा में रिश्वत लेने का आरोप: इस साल मार्च में ईडी ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ में डीएमएफ से जुड़े खनन ठेकेदारों ने आधिकारिक काम के टेंडर पाने के लिए राज्य के अधिकारियों और राजनीतिक कार्यकारियों को “भारी मात्रा में अवैध रिश्वत” दी.

क्या है डीएमएफ: डीएमएफ राज्य के हर जिले में स्थापित एक ट्रस्ट है और खनन गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए खनिकों द्वारा वित्त पोषित है.

error: Content is protected !!
Exit mobile version