December 23, 2024

BARC के पूर्व सीईओ दासगुप्ता ने TRP घोटाले में अहम भूमिका निभाई : कोर्ट

barc-trp

मुंबई।  मुंबई की एक अदालत ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) की कथित हेरफेर के मामले में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई है. 

अदालत ने 4 जनवरी को आदेश पारित किया और बुधवार को इसकी एक प्रति उपलब्ध कराई गई. दासगुप्ता को पिछले महीने मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुधीर भजिपले ने सोमवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

दासगुप्ता ने 30 दिसंबर को जमानत के लिए आवेदन दाखिल किया था. अदालत ने इससे पहले उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा था. अपने आदेश में मजिस्ट्रेट ने कहा कि सबूतों के आधार पर यह ज्ञात पड़ता है कि दासगुप्ता इस मामले में शामिल थे. दासगुप्ता ने अपराध में अहम भूमिका निभाई है.

बता दें कि दासगुप्ता जून 2013 से नवंबर 2019 तक बार्क के सीईओ रहे. दासगुप्ता फर्जी टीआरपी मामले में गिरफ्तार किए गए 15वें व्यक्ति हैं. मामले के ज्यादातर आरोपी अभी जमानत पर हैं.

हालांकि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने दलील दी थी कि दासगुप्ता ने बार्क के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा एआरजी आउटलायर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के स्वामी अर्नब गोस्वामी के साथ मिलकर रिपब्लिक टीवी और रिपब्लिक भारत (हिंदी) के लिए टीआरपी में हेरफेर की थी.

पुलिस ने दावा किया था कि गोस्वामी ने इसके ऐवज में दासगुप्ता को लाखों रुपये दिए थे. 

error: Content is protected !!