CG : मासूम सी दिखने वाली ये महिला कर चुकी है करोड़ों की ठगी, कंपनी बनाकर लोगों को ऐसे फंसाती थी जाल में
सरगुजा। कहते हैं कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं. यानी अपराधी कितने भी शातिर क्यों न हो, वह अपने गुनाह का कोई न कोई निशान छोड़ ही जाता है, जिसकी मदद से वह पुलिस के शिकंजे में फंस जाता है. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के अंबिकापुर (Ambuikapur) से सामने आया है. यहां एक महिला ने लोगों को खनन, कृषि (Agriculture) कार्य और पशुपालन (Animal Husbandry) हेतु आवश्यक आर्थिक सहायता दिलाने के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा की ठगी कर ली, लेकिन उसकी लालच ने उसे आखिरकार सलाखों के पीछे पहुंचा ही दिया.
कंपनी बनाकर कर थी ठगी
अंबिकापुर के गंगापुर निवासी मास्टरमाइंड 45 वर्षीय लता खूंटे को गांधी नगर थाना पुलिस ने बड़ी मस्तक के बाद गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी महिला एक संगठित गिरोह के माध्यम से सरगुजा मार्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर कार्यालय खोलकर एजेंटों के माध्यम से ठगी करती थी. महिला खुद को कम्पनी डायरेक्टर बताती थी. आरोपी महिला से लैपटॉप, मोबाइल और धोखाधड़ी में उपयोग किए गए कागजात जब्त किए हैं. पुलिस की मानें तो केवल महिला के विरुद्ध सिर्फ गांधीनगर थाने में पांच नामजद एफआइआर हैं. इनमें से एक प्रकरण में महिला को न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया था. बाकी प्रकरणों में वह फरार चल रही थी. इसके साथ जुड़े कथित एजेंट बोदा बतौली निवासी 35 वर्षीय जीतू तिर्की, 45 वर्षीय राजराम जगत, लक्ष्मी प्रसाद को पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
आरोपी महिला कई महीनों से थी फरार
पुलिस के मुताबिक आरोपी महिला के विरुद्ध धोखाधड़ी की कई शिकायतों पर जांच अब भी चल रही है. इससे ठगी की रकम और बढ़ने की संभावना है. करोड़ों की ठगी करने वाली महिला बाद में लोगों को डरा-धमका कर शांत कराने में लगी थी. लेकिन, इस बीच पुलिस ने आरोपी महिला को पकड़ने के लिए मजबूत सूचना तंत्र तैयार किया. इसके बाद आरोपी महिला जैसे ही अपने गंगापुर स्थित निवास में पहुंची तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने घटना में प्रयुक्त लैपटॉप, चेक बुक और दूसरे दस्तावेज भी बरामद कर लिए हैं.
ये आरोपी महिला के गुनाहों की लिस्ट
बनारस रोड निवासी चंद्रकांता भगत को 19 डिसमिल जमीन बेचने के नाम पर 21 लाख रुपये अग्रिम राशि के तौर पर लिया. इसके बाद शंकरगढ़ क्षेत्र के तीन ग्रामीणों से साढ़े पांच लाख की ठगी की. फिर बोर खनन, मुर्गी पालन, पशु पालन व जैविक खेती हेतु आर्थिक सहयोग के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया. इसके अतिरिक्त बोर खनन का ठेका देकर एक व्यक्ति से लगभग 70 लाख की ठगी कर ली. इसके अलावा गांव-गांव में एजेंटों के माध्यम से आर्थिक सहायता राशि दिलाने के नाम पर कई लोगों से लाखों की ठगी की शिकायतों इसके खिलाफ दर्ज है, जिसकी अभी जांच चल रही है. पुलिस के मुताबिक निवेशकों को थाना बुलाकर पूछताछ करने पर धोखाधड़ी की रकम बढ़ने की आशंका है.