महादेव बुकिंग ऐप : जिस ड्राइवर की बिनाह पर ED ने लगाए थे बघेल पर आरोप, जेल के अंदर बयान से पलटा
रायपुर। महादेव बेटिंग एप में मनी लांड्रिंग और हवाला केस में जेल में बंद ड्राइवर की एक चिट्ठी से हड़कंप मच गया है। दरअसल, इस मामले में औद्योगिक क्षेत्र हाउसिंग बोर्ड भिलाई के एक घर से पकड़े गए असीम दास उर्फ बप्पा की एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उसने जेल के भीतर से ईडी के डायरेक्टर को चिट्ठी लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि उसे साजिश कर फंसाया गया और कैश कुरियर बॉय बताया गया। जबकि उसने किसी कांग्रेसी नेता, सीएम भूपेश बघेल या वर्मा को कभी पैसा नहीं पहुंचाया है। आज तक वह उनसे मिला भी नहीं है।
असीम ने इस चिट्ठी में क्या लिखा?
बता दें कि इसी ड्राइवर असीम के बयान को आधार बनाते हुए ईडी ने कुछ दिन पहले प्रेसनोट जारी किया था कि उसके जरिए सरकार को 508 करोड़ रुपए पहुंचाए गए हैं। असीम ने ईडी से शिकायत की है कि उसे 508 करोड़ के बारे में कुछ पता नहीं और उसने ईडी को ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। उसने पत्र में लिखा कि वह जब जेल आया और अखबार पढ़ा, तब पता चला कि ईडी ने उस पर झूठा आरोप लगा दिया। असीम ने इस चिट्ठी में लिखा कि उसके बचपन के दोस्त शुभम सोनी उर्फ पिंटू ने उसे अक्टूबर में दुबई बुलाया था। वहां उसने ठेकेदारी करने का झांसा दिया। फिर दूसरी बार छत्तीसगढ़ से दुबई बुलाया। वहां तीन दिन रूकवाने के बाद रायपुर भेज दिया।
ड्राइवर ने उठाए अहम सवाल
असीम ने लिखा कि शुभम के कहे अनुसार पूरी प्लानिंग के तहत उसे फंसाया गया है। उससे जब्त सिम और मोबाइल की जांच होनी चाहिए। यही नहीं, मोबाइल में वीडियो कहां से आया और किसने डाला है, यह जांचा जाए। होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच करनी चाहिए। काले रंग की बाइक में बैग लेकर कौन आया था और किसके कहने पर रुपयों से भरा बैग छोड़ा गया? वहां मास्क लगाया व्यक्ति कौन था, उसकी गिरफ्तारी करनी चाहिए। 5 नवंबर को दुबई से यूरोप जाने वाली फ्लाइट टिकट की भी जांच करनी चाहिए।
तीनों आरोपियों के यूरोप में होने का शक
असीम का आरोप है कि सौरभ, रवि और शुभम तीनों दुबई छोड़कर चले गए हैं। जब उसकी शुभम से आखिरी मुलाकात हुई तब उसने कहा था कि 5 नवंबर की उसकी यूरोप की फ्लाइट है। उसने जब सट्टेबाजी के बारे में पूछा तो शुभम ने कहा कि रवि और सौरभ की ईडी के बड़े अधिकारी मिश्रा से सेटिंग हो गई। वहां कोई खतरा नहीं है। उसे शक है कि तीनों यूरोप या एम्स्टर्डम में हैं।
“अंग्रेजी में लिखे बयान पर ईडी ने कराए साइन”
असीम ने इससे पहले 10 अक्टूबर को कोर्ट में भी अर्जी लगाई है। असीम दास ने कोर्ट में आवेदन लगाया है कि वह 10वीं तक पढ़ा है। उसे अंग्रेजी नहीं आती है। ईडी वालों ने अंग्रेजी में लिखे बयान पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराया है। उसे पता ही नहीं है कि उसके बयान में क्या लिखा है। ईडी ने उसे 7 दिन की रिमांड में लिया था, लेकिन कोई पूछताछ नहीं की। कुछ जांच भी नहीं की गई। उसे सिर्फ बिठाकर रखा गया। ईडी खानापूर्ति करती रही।