मुकेश चंद्राकर का चचेरा भाई ही निकला हत्यारा!, सड़क घोटाला उजागर करने से नाखुश था, खाने पर बुलाकर की हत्या
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी उसका चचेरा भाई है। पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने मुकेश की हत्या का प्लान बनाया और उसे अंजाम दिया। बस्तर आईजी के अनुसार एक जनवरी को रात लगभग आठ बजे मुकेश और रितेश के बीच फोन में बात हुई थी। इसके बाद दोनों चट्टान पारा स्थित बाड़ा में मिले। यहां सड़क मामले को लेकर दोनों के बीच बहस हुई। इस बीच महेंद्र रामटेके ने मुकेश पर रॉड से पीछे से हमला कर दिया फिर लगातार हमला किया। 20 मिनट में ही मुकेश की मौत हो गई थी।
घटना के बाद रितेश चंद्राकर रायपुर होते हुए दिल्ली भाग गया। रायपुर लौटने के बाद रायपुर एयरपोर्ट से रितेश को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले को लेकर 11 सदस्य की एक विशेष टीम गठित की गई, जो पूरे मामले की जांच कर रही है। ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की तलाश की जा रही है। हत्या के मामले में आरोपी रितेश चंद्राकर, महेंद्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मुकेश चंद्राकर हत्याकांड का पूरा घटनाक्रम
मुकेश चंद्राकर के बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने थाना कोतवाली बीजापुर में दो जनवरी को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें कहा गया कि मुकेश एक जनवरी की रात लगभग 08.30 बजे से घर से लापता हैं। पुलिस ने जांच शुरू की और मुकेश के दोस्तों और अन्य लोगों से पूछताछ शुरू की।
मुकेश की लास्ट लोकेशन के आधार पर दो जनवरी की रात चट्टान पारा में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़ा के सभी रूम को खुलवाकर चेक किया गया। तकनीकी साक्ष्य एवं पूछताछ के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार अलग-अलग जगहों पर खोजबीन की गई। तीन जनवरी को सुरेश चंद्राकर के बाड़ा में बैडमिंटन कोर्ट में नये फ्लोरिंग हुए सेप्टीक टैंक को जेसीबी की मदद से तोड़कर पुराने संरचना में से टैंक के ढक्कन खोला गया। सेप्टीक टेंक का ढक्कन खोलने पर टैंक में एक पुरूष का शव दिखा, जिसके हाथ में बने टैटू से शव की पहचान मुकेश चंद्राकर के रूप में हुई।
फॉरेंसिक टीम ने शव पंचनामे के दौरान प्रथम दृष्टया पाया कि मृतक की सिर, पीठ, पेट एवं सीने में कठोर एवं ठोस हथियार से वार कर किया गया था। तीन जनवरी को घटना के संदेही रितेश चंद्राकर को रायपुर एयरपोर्ट से पकड़ा गया एवं घटना के अन्य संदेही महेन्द्र रामटेके (सुपरवाईजर) एवं दिनेश चंद्राकर को बीजापुर से पकड़ा गया। आरोपी रितेश चंद्राकर , महेन्द्र रामटेके (सुपरवाईजर) एवं दिनेश चंद्राकर से पूछताछ की जा रही है एवं घटना में प्रयुक्त आलाजरब की बरामदगी की कार्यवाही की जा रही है। घटना के आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीम बनाकर घेराबंदी की जा रही है ।
अभी तक की पूछताछ और जांच में यह बातें खुलकर आई है कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर और रितेश चंद्राकर रिश्ते में भाई लगते थे तथा पारिवारिक एवं सामाजिक विषयों को लेकर आपस में बातचीत होते रहती थी। एक जनवरी की रात लगभग 08:00 बजे मुकेश चंद्राकर एवं आरोपी रितेश चंद्राकर के बीच मोबाईल पर बातचीत हुई। इसके बाद मुकेश चंद्राकर एवं आरोपी रितेश चंद्राकर बीजापुर की चट्टान पारा स्थित ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़े में पहुंचे और रात्रि भोजन करने लगे। इसी दौरान आरोपी रितेश और मुकेश चंद्राकर के बीच पारिवारिक सबंध होने के बावजूद काम में सहयोग की बजाय बाधा डालने की बात को लेकर बहस हुई। रितेश चंद्राकर ने सुनियोजित तरीके से सुपरवाईजर महेन्द्र रामटेके के साथ मिलकर मुकेश चंद्राकर के सिर, छाती, पेट एवं पीठ पर लोहे के रॉड से वार किया और मुकेश चंद्राकर की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इसके बाद शव को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से शरीर को पास के सेप्टीक टेंक में डाल दिया एवं उसे स्लैब के ढक्कन से बंद कर दिया।
रितेश चंद्राकर ने अपने बड़े भाई दिनेश चंद्राकर को घटना के बारे में जानकारी दी और बोदली की ओर रवाना हो गया। रितेश चंद्राकर , महेन्द्र रामटेके एवं दिनेश चंद्राकर की मुलाकात बोदली में हुई और घटना के सबंधित साक्ष्यों को मिटाने हेतु साजिश रची गई। रितेश चंद्राकर , महेन्द्र रामटेके एवं दिनेश चंद्राकर हथियार एवं मृतक के मोबाईल को ठिकाने लगाने के लिए अलग-अलग जगह गये। उसके बाद रितेश चंद्राकर ने अपने बड़े भाई दिनेश चंद्राकर को सेप्टीक टेंक का प्लास्टर कराने के लिए कहा और रायपुर के लिए रवाना हो गया। दो जनवरी को सेप्टिक टैंक की दोबारा फ्लोरिंग की गई।
अब तक कुल तीन आरोपी 1. रितेश चंद्राकर , 2. दिनेश चंद्राकर एवं 3. महेन्द्र रामटेके को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और अग्रिम पूछताछ की जा रही है। फरार आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें लगाई गई हैं। ठेकेदार सुरेश चंद्राकर एवं अन्य आरोपियों के समस्त संपत्तियों एवं बैंक खातों के सबंध में सम्पूर्ण जानकारी पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा खंगाला जा रहा है। सुरेश चंद्राकर के तीन बैंक खातों को होल्ड कराया गया है। अन्य खातों के सबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। ठेकेदार सुरेश चंद्राकर द्वारा अवैध तरीके से निर्माण किए गए कंस्ट्रक्शन यार्ड को भी ध्वस्त किया गया।