छत्तीसगढ़ में NIA का छापा, चेरला ड्रोन मामले से जुड़े आरोपियों के परिसरों की तलाशी
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छापा मारा हैं। बताया जा रहा हैं कि अगस्त 2023 के एक मामले को लेकर तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में विस्फोटक सामग्री, ड्रोन और प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़ी एक लेथ मशीन की बरामदगी के सिलसिले में यह छापेमारी की गई है। चेरला ड्रोन मामले में अपनी जारी जांच के तहत, एनआईए ने आज दो राज्यों तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में आठ स्थानों पर छापेमारी की। वारंगल में पांच स्थानों और तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुदम में दो स्थानों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक स्थान पर आरोपियों के परिसरों की तलाशी में कई डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक लंबे समय तक भारत सरकार को उखाड़ फेंकने के कथित उद्देश्य के साथ विभिन्न प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल वामपंथी चरमपंथी संगठन सीपीआई (माओवादी) को रसद समर्थन प्रदान करने में आरोपी की भागीदारी को उजागर करने के लिए इन उपकरणों और दस्तावेजों की विस्तृत जांच चल रही है। ‘जनयुद्ध’ कहा जाता है. प्रथम दृष्टया आरोपी अपने भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित संगठन को कच्चा माल उपलब्ध करा रहे थे। सीपीआई (माओवादी) ने हाल के दिनों में विभिन्न राज्यों में अपनी हिंसक आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है
बता दें कि इससे पहले भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सूबे के तिरिया गांव के पास सुरक्षाबलों पर साल 2019 में हुए हमले के सिलसिल में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की एक महिला सदस्य समेत दो लोगों गिरफ्तार किया था। इस हमले में छह नक्सली और एक सामान्य आदमी मारे गए थे और भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए थे।
एनआईए की जानकारी के मुताबिक़ गिरफ्तार महिला नक्सली पहले सीपीआइ (माओवादी) की डिविजनल कमेटी की सदस्य हुआ करती थी और मौजूदा समय में नक्सलियों और उसके फ्रंट संगठनों के बीच समन्वय का काम देख रही थी, जबकि देवेंदर भाकपा (माओवादी) के लिए एक कूरियर के रूप में काम कर रहा था और गुप्त रूप से उनके कागजातों (डिजिटल और कागज आधारित दस्तावेजों) का प्रसार कर रहा था।
एनआईए के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने में भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेतृत्व के साथ निकटता से जुड़े हुए थे। बता दें कि एनआईए ने साल 2021 में झारखंड और छत्तीसगढ़ में आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने की माओवादी साजिशों से संबंधित कई अन्य लोगों के साथ मामले को अपने हाथ में लिया था।
छापेमारी में क्या कुछ बरामद हुआ?
जांच एजेंसी ने इससे पहले दोनों आरोपियों के परिसरों की तलाई ली थी, जहां से भाकपा (माओवादी) कैडरों की गतिविधियों से संबंधित कई आपत्तिजनक सामग्रियां बरामद हुई। गौरतलब है कि जुलाई 2019 में जिला रिजर्व गार्ड, विशेष कार्य बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक संयुक्त टीम छत्तीसगढ़ में जगदलपुर जिले के नगरनाग थाना क्षेत्र में तिरिया के पास जंगलों की यात्रा कर रहे थे तभी मुठभेड़ शुरू हो गई। एनआईए ने कहा कि इनपुट मिलने के बाद जांच एजेंसी वहां गई, जहां पर माओवादी कैडरों का एक समूह 28 जुलाई को एक बड़ी घटना को अंजाम देने के इरादे से एकत्रित हुआ था। जिसे ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने हथियार और गोला-बारूद के साथ-साथ साइट से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और साहित्य बरामद किए थे।