April 26, 2024

हाथरस में दरिंदगी की शिकार बेटी का पुलिस ने जबरन किया अंतिम संस्कार, नहीं सुनी परिवारवालों की गुहार

हाथरस। परिजनों और गांवों वालों के भारी विरोध के बीच हाथरस गैंगरेप पीड़िता का मंगलवार देर रात अंतिम संस्कार कर दिया गया. पीड़िता का शव आधी रात को हाथरस पहुंचा, जहां ग्रामीणों ने भारी विरोध किया, लेकिन भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया. 

आधी रात में जब शव गांव पहुंचा तो ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं थे. लेकिन पुलिस ने भारी विरोध के बावजूद पीड़िता का अंतिम संस्कार करा दिया. ग्रामीणों के भारी आक्रोश को देखते हुए इलाके में बड़े पैमाने पर पुलिसबल की तैनाती की गई थी.

गैंगरेप पीड़िता का शव रात में 12:45 हाथरस पहुंचा. एंबुलेंस को जब अंतिम संस्कार के लिए ले जाया रहा था तो लोगों ने उसे रोक दिया. एंबुलेंस पीड़िता के गांव के पास रात 2:35 बजे तक रुकी रही. लेकिन रात में 2:45 बजे बार-बार असफल प्रयासों के बाद पुलिस ने एम्बुलेंस को अंतिम संस्कार के लिए रवाना कर दिया. इसके बाद पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया.

असल में, पीड़िता के पिता और भाई के साथ डीएम और एसपी थे. पीड़िता का शव लेकर जब एंबुलेंस जब गांव पहुंची तो लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने लगे. लोग एंबुलेंस के सामने रोड पर लेट गए. कहने लगे कि हमें मार दो लेकिन हम अंतिम संस्कार नहीं करने देंगे. ग्रामीणों की पुलिसकर्मियों से धुक्का-मुक्की भी हुई. विरोध करने वालों में महिला-पुरुष सब शामिल थे.   

एसपी और डीएम पीड़िता के पिता को अंतिम संस्कार के लिए राजी करने में जुटे रहे. उसी समय मां बिलखने लगीं और कहने लगीं कि बेटी के शव को एक बार घर ले चला जाए. पुलिस दाह संस्कार के लिए परिजनों को समझाने का प्रयास करती रही. लेकिन परिवार के लोग शव को घर ले जाने के लिए अड़े रहे. परिजन नहीं माने. इसके बाद 2:45 बजे भारी पुलिस तैनाती के बीच पीड़िता का दाह संस्कार कर दिया गया.

 

हमें गुमराह किया जा रहा है- पीड़िता का भाई 

सफदरजंग में धरने पर बैठे हाथरस पीड़िता के परिजनों को कल पुलिस ने वहां से हटा दिया. परिवार आरोपियों की फांसी की मांग को लेकर अस्पताल के बाहर बैठा रहा. पीड़ित के भाई का कहना है कि हमें गुमराह किया जा रहा है. हमें न्याय चाहिए. अस्पताल के बाहर कांग्रेस, भीम आर्मी और छोटे छोटे संगठनों ने भी प्रदर्शन किया. भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि हम यह चाहते हैं की न्याय हो,  फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चले. यूपी में उन्नाव और अब हाथरस जैसे कई ऐसे मामले हुए हैं.

रेप होने की पुष्टि के बारे में स्थिति साफ नहीं- पुलिस आईजी

आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने को लेकर अलीगढ मंडल के पुलिस आईजी पीयूष मोर्डिया का कहना है कि पीड़िता के बयान के आधार पर रेप का मामला दर्ज हुआ था, लेकिन उसके साथ रेप होने की पुष्टि के बारे में स्थिति साफ नहीं है. क्योंकि जे एन मैडीकल कालेज की रिपोर्ट में यही कहा गया है. सैम्पल 26 सितंबर को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेजा गया है. जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आयी है. उसके आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकेगा.

आरोपियों के खिलाफ जोड़ी जाएगी आईपीसी की धारा 302

वहीं मंगलवार को हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने बताया है कि 14 सितंबर को जान से मारने की कोशिश के इस मामले में पीड़िता का 22 सितंबर को बयान लिया गया था, जिसके आधार पर मामले में गैंग रेप की धारा 376 डी जोड़ी गयी थी. बंद चारों आरोपियों के खिलाफ अब आईपीसी की धारा 302 (हत्या) भी जोड़ी जाएगी. उनका कहना है कि मामले के सभी चार अभियुक्त पकडे जा चुके है और 10 लाख की सरकारी मदद दे दी गयी है.

अलीगढ़ के जेएन अस्पताल के डॉक्टर मो. ताबिश खान ने कहा है कि पीड़िता के सीटी स्कैन में गर्दन की हड्डियों में चोट थी. नस दबने से उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. हाथ-पांव नहीं चल पा रहे थे. दो दिन बाद पूरा मामला बताने पर गायनेकॉलॉजिस्ट और फॉरेंसिक ने जांच कर पूरी रिपोर्ट CMO को जमा की थी.

19 साल की दलित लड़की के साथ हुआ गैंगरेप

बता दें कि यूपी में हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 14 सितंबर को 19 साल की एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी. पुलिस ने कहा कि पीड़िता को घटना के बाद अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था, सोमवार सुबह उसकी हालत गंभीर होने के कारण इलाज के लिये उसे दिल्ली भेजा गया था.

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