November 13, 2024

संकेत बावनकुले का बार-रेस्तरां वाला CCTV फुटेज डिलीट, महाराष्ट्र BJP चीफ के बेटे को बचाने के लिए पुलिस का खेल?

नागपुर। महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों संकेत बावनकुले का मुद्दा गरमाया है। महाराष्ट्र बीजेपी चीफ चंद्रशेखर बवनकुले का बेटा संकेत बावनकुले ऑडी कार क्रैश मामले में फंसा है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी लगातार बीजेपी पर निशाना साध रही है। महायुति सरकार पर बीजेपी चीफ के बेटे को बचाने का आरोप लग रहा है। इसी बीच एक और खुलासा हुआ है। नागपुर के पॉश इलाके धरमपेठ में बार और रेस्टोरेंट में सीसीटीवी फुटेज गायब मिले हैं, जिससे बाद और सवाल खड़े हो गए हैं।

यह वही बार-रेस्तरां है, जहां बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बेटे संकेत ने रविवार रात दोस्तों के साथ खाना खाया था। आरोप है कि यहां संकेत ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर शराब पी थी। उसके बाद शराब के नशे में वे उनकी लग्जरी कार से निकले थे। इसी दौरान कई वाहनों को टक्कर मारी गई।

पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में
मामला तूल पकड़ा, जब एक सीसीटीवी फुटेज में संकेत बावनकुले को घटना के बाद कार से भागता हुआ दिखाया गया। उसके बाद पुलिस पर संकेत के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगा। तमाम आरोपों के बाद पुलिस ने संकेत के खिलाफ केस दर्ज किया। हालांकि उसे पकड़ा नहीं गया क्योंकि हादसे में किसी की मौत नहीं हुई है।

संकेत बावनकुले के सारे फुटेज गायब
घटना की जांच के दौरान पुलिस की टीम उस बार-रेस्तरां में पहुंची जहां पर संकेत बावनकुले ने अपने दोस्तों के साथ खाया-पीया था। जब यहां सीसीटीवी फुटेज मांगे गए तो पता चला कि वे गायब हैं। सीसीटीवी फुटेज डिलीज होने से संदेह पैदा हो गया है कि क्या उन्हें बचाने के लिए जानबूझकर सबूत नष्ट किए गए थे? नागपुर पुलिस के नियमों के अनुसार सीसीटीवी फुटेज रखना अनिवार्य है।

सीसीटीवी से छेड़खानी पर उठे सवाल
शहर की पुलिस के जब्त किए गए सीसीटीवी रिकॉर्डिंग डिवाइस में संकेत और उसके दोस्तों का बार में कोई फुटेज नहीं था, और वरिष्ठ अधिकारी यह स्पष्ट करने में विफल रहे कि डिवाइस में डेटा क्यों नहीं था। संकेत और उसके दोस्त अर्जुन हाओरे और रोनित चिंतामवार आधी रात के बाद वहां से निकले और रामदासपेठ की ओर भागे, जहां उनकी ऑडीक्यू8 अन्य वाहनों से टकरा गई।

दबाव में पुलिस ने जब्त की रिकॉर्डिंग लेकिन…
नशे की हालत में गाड़ी चलाने वाले हाओरे पर मामला दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया गया और मंगलवार को उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। नाम न बताने की शर्त पर एक राजनीतिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘लोगों के आक्रोश और विपक्ष के गुस्से को शांत करने के लिए धरमपेठ बार और रेस्टोरेंट से सीसीटीवी रिकॉर्डिंग डिवाइस जब्त की गई थी। यह एक दिखावा था।’ विपक्ष ने संकेत के खिलाफ बार प्रबंधन द्वारा सबूत छिपाने की संभावना जताई थी।

उद्धव सेना ने लगाए आरोप
सेना (यूबीटी) की पदाधिकारी सुषमा अंधारे ने पिछले सप्ताह सीताबुलडी पुलिस थाने का घेराव किया था। उन्होंने भी इसी तरह की चिंता व्यक्त की थी और आरोप लगाया था कि पुलिसतंत्र, शिकायतकर्ता और गवाहों पर जबरदस्त राजनीतिक दबाव था। उन्होंने कहा, ‘बार और रेस्तरां मालिक बिलिंग मशीन में तकनीकी खराबी जैसे बहाने बनाते थे। इसलिए, इस बात का कोई सबूत नहीं होगा कि उन्होंने क्या खाया या पिया।’

सीताबुलडी पुलिस की फरेंसिक प्रयोगशाला ने हाओरे और चिंतामवार के ब्लड सैंपल में अल्कोहल की पुष्टि होने के बाद भी सख्त कानूनी प्रावधान नहीं जोड़े। पुलिस ने संकेत के दोस्तों पर अपहरण और हमले के आरोपों को भी नरम कर दिया, यह कहते हुए कि पीड़ितों ने आरोप नहीं लगाए।

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