November 5, 2024

CG में LOVE की पाठशाला : छात्राओं को प्रेमिका बनाने प्रपोजल, फिर कहा- GF का मतलब ग्रेट फाइटर, शिक्षक की करतूत पर स्टाफ कर रहा लीपापोती

खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले में शिक्षक और शिष्या के रिश्ते को कलंकित करने का मामला सामने आया है. स्कूल में अब LOVE, इश्क और इजहार-ए-मोहब्बत की पाठ पढ़ाई जा रही है. टीचर पर इश्क का भूत चढ़ गया है. अपने शिष्याओं को इजहार-ए-इश्क कर रहा है. कह रहा है कि ‘मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी बनोगी क्या’ ? छात्रा को प्रेमिका बनाने के लिए प्रपोज कर रहा है, जब बात बिगड़ी तो बड़ी सफाई से छात्रा को GF का मतलब बता रहा है, जिसमें स्टाफ और टीचर कह रहा है कि GF का मतलब ग्रेट फाइटर होता है. शिक्षक की काली करतूत पर स्टाफ पर्दा डाल रहा है.

दरअसल, प्रबंधन तक शिकायत आने के बाद मामला अभी तक दबाए रखा था. अब शिक्षक को बचानें में लगे हैं. शिक्षा के मंदिर स्कूल को शिक्षकों ने ही बदनाम कर रखा है. बच्चों को शिक्षा देने की जगह दूसरा पाठ पढ़ाया जा रहा है. ऐसा ही मामला खैरागढ़ ब्लॉक के भंडारपुर (करेला) हायर सेकेण्डरी स्कूल में सामने आया है.

राज्य बाल संरक्षण आयोग को गोपनीय सूचना मिली थी कि यहां पर छात्राओं के साथ शिक्षक द्वारा अश्लील हरकत और छेड़खानी की जा रही है. जब आयोग की सदस्य संगीता गजभिए मामलें की जांच में पहुंची तो छात्राएं और अन्य बच्चे खुलकर सामने आए. यहां तक की आठ माह पूर्व पिछले शैक्षणिक सत्र में छात्राओं के साथ हुए छेड़खानी के मामले भी खुले, लेकिन हद तो यह है कि पूर्व में हुई छेड़खानी की शिकायत स्टॉफ से की गई थी तो जिम्मेदारों ने बात को स्कूल में ही दबा दिया. इसलिए ऐसी हरकत करने वाले शिक्षक का और हौंसला बढ़ गया.

बुधवार को आयोग की सदस्य दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक स्कूल में जांच करती रही. सभी स्टॉफ और बच्चों से लिखित में बयान लिए गए. बयान में दो छात्राओं ने स्कूल के व्याख्याता और राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी राजेश ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

कक्षा दसवीं की छात्रा ने आयोग की सदस्य के नाम लिखे शिकायत पत्र में बताया कि शिक्षक राजेश ठाकुर ने अकेले में बुलाकर बातचीत की और प्रपोज करते हुए कहा कि क्या तुम मेरी जीएफ बनोगी. मेरी शादी भी नहीं हुई है. इसके बाद छात्रा बिना कुछ जवाब दिए अपने क्लास में चली गई. शिक्षक के हरकत की जानकारी स्कूल स्टॉफ को दी, लेकिन स्टॉफ ने यह कहकर पर्दा डाल दिया कि उनकी आदत तो ऐसी ही है. जब शिक्षक को जानकारी मिली की उसने स्टॉफ को शिकायत कर दी है, जिसके बाद छात्रा से मिलकर कहा कि मैने तुम्हें जीएफ बनने का मतलब गर्लफ्रेंड नहीं ग्रेट फाइटर बनने के लिए कहा था.

एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि एक दिन मैं स्कूल बिना साईकिल के आई थी. शाम को घर लौटते समय राजेश ठाकुर ने अपनी बाइक में लिफ्ट दिए. रास्तें में कहा कि क्या तुम मेरे से दोस्ती करोगी. जब मैनें कहा कि मैं कुछ समझी नहीं तो बोले कॉल में मेरे से बात करोगी क्या ? यह बात भी स्कूल स्टॉफ में आने के बाद भी जिम्मेदारों ने पर्दा डाले रखा. स्कूल से बाहर बात नहीं जानें दिया. इस तरह से दोषी को और संरक्षण देते रहे.

बाल संरक्षण आयोग के पास छात्राओं की लिखित शिकायत तो नहीं पहुंची थी, लेकिन गोपनीय सूचना मिली थी कि स्कूल में छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें हो रही है. छात्रों ने अश्लील हरकतों के शिकायतों के अलावा यह भी बताया कि स्कूल की सफाईकर्मी और चपरासी अपना कार्य स्वयं नहीं करते. साफ-सफाई के अलावा पानी भरने के लिए छात्रों से कहा जाता है. शिकायत करनें पर शिक्षक अपशब्दों का प्रयोग करते हैं. इसलिए चुप हो जाते हैं.

आयोग की सदस्य संगीता गजभिए के समक्ष जब शिकायतों का अंबार लगा तो शिक्षकों ने भी बचाव शुरु कर दिया. पहले तो जब छात्रों ने उन तक बात रखी तो मामले को स्कूल में ही दबा दिया. अब शिक्षक राजेश ठाकुर पर लगे गंभीर आरोप पर सदस्य ने शिक्षकों से लिखित में जवाब मांगा तो बचाने के लिए छात्राओं के आरोप को बेबुनियाद बता रहे हैं.

प्रभारी प्राचार्य अगनू दास बघेल ने तो अपने लिखित बयान में कहा है कि पाक्सो एक्ट की जानकारी मुझे नहीं है. छात्राओं ने 19 जुलाई को लिखित में दिया तब जानकारी हुई, जबकि पूर्व में छात्राओं ने मौखिक शिकायत की, लेकिन उनकी बातों को हल्के में लेकर नजरअंदाज कर दिया.

भंडारपुर स्कूल में छात्राओं ने अपने लिखित शिकायत में बताया कि यहां पर सेनेटरी पैड की सुविधा नहीं है. खेलकूद की सामग्री होने के बाद छात्रों को नहीं दिया जाता है. विषय शिक्षकों की कमी बनी हुई है. छात्रों के साथ शिक्षक रंग रूप को लेकर टिप्पणी करते हैं. कई छात्रों को एनएसएस में रुचि नहीं होनें के बाद भी शामिल कर लिया जाता है. ऐसी ही कई तरह की शिकायत छात्रों ने आयोग के समक्ष लिखित रूप से किया.

खैरागढ़ BEO नीलम राजपूत ने बताया कि हमनें प्रभारी प्राचार्य को थाना में एफआईआर करानें के लिए कहा है. मामला दर्ज होनें के बाद संबंधित रिपोर्ट को डीपीआई भेज देंगे. आगे की विभागीय कार्रवाई उच्च कार्यालय से होगी.

error: Content is protected !!