April 10, 2025

पैसे लेकर थाने पहुंचा पीड़ित, ASI को जैसे ही थमाया नोटों का बंडल हो गया कांड, ACB ने बनाया था सॉलिड प्लान

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कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एसीबी ने बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने रिश्वत लेते हुए एक सहायक उपनिरीक्षक को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एसीबी ने यह कार्रवाई पीड़ित पंचराम चौहान की शिकायत पर की थी। शिकायत मिलने के बाद एसीबी की टीम ने जाल बिछाया जिसमें सहायक उपनिरीक्षक रंगे हाथों पकड़ा गया। पुलिस विभाग के सहायक उपनिरीक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मामले की जांच चल रही है।

दरअसल, केसला गांव के रहने वाले पंचराम चौहान ने एसीबी बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने अपनी लिखित शिकायत में कहा था कि उनके पास एक चार पहिया वाहन है। कुछ दिन पहले, सहायक उपनिरीक्षक मनोज मिश्रा उनके घर आए और बोले की उनकी गाड़ी से डीडल चोरी का काम किया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने गाड़ी का जब्त करने की बात कही। इस पूरे मामले को निपटान के लिए उन्होंने 50 हजार रुपये की डिमांड की।

पंचराम ने पैसे देने से किया इंकार
जब पीड़ित पंचराम ने 50 हजार रुपये एक साथ देने में असमर्थता जताई तो सहायक उपनिरीक्षक मनोज मिश्रा गाड़ी को अपने पास ले गए और रख लिया। उसके बाद अगले दिन उन्होंने गाड़ी वापस कर दी। वहीं, पंचराम ने जल्द ही 50 हजार रुपये देने की बात कहीं। उसने कहा कि कुछ समय दीजिए मैं पैसे का इंतजाम कर लूं उसके बाद पैसा देता हूं। पंचराम ने रिश्वत देने की जगह रिश्वत लेते हुए मनोज मिश्रा को पकड़वाने का फैसला किया।

एसीबी से की शिकायत
इसके बाद पंचराम ने मामले की शिकायत एसीबी बिलासपुर से की। एसीबी ने शिकायत की सत्यता की जांच की और पाया कि शिकायत सही है। इसके बाद, एसीबी ने आरोपी सहायक उपनिरीक्षक को रंगे हाथ पकड़ने के लिए प्लान बनाया। 5 अप्रैल को, एसीबी ने पंचराम को 10,000 रुपये रुपये देकर मनोज मिश्रा को रिश्वत देने के लिए भेजा। पैसे लेकर पंचराम थाना कोतवाली परिसर पहुंचा।

यहां उसने एएसआई मनोज मिश्रा को रिश्वत की यह रकम दी। जैसे ही मनोज मिश्रा ने रिश्वत ली एसीबी की टीम ने मौके पर पहुंचकर सहायक उपनिरीक्षक को रंगे हाथ पकड़ लिया। उसके उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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